वृद्धजनों के कल्याण के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाएंगे- महासचिव लाल
भोपाल [ महामीडिया] राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने नीति आयोग की सक्रिय भागीदारी के साथ ‘भारत में वृद्धावस्था: कार्रवाई योग्य समाधान- वैश्विक, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं से अंतर्दृष्टि प्राप्त करना’ विषय पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया। सेमिनार का समापन वृद्धजनों की देखभाल और पोषण संबंधी जरूरतों और उनकी आर्थिक सुरक्षा और जीवन की गुणवत्ता के बारे में कई महत्वपूर्ण सुझावों के साथ सम्पन्न हुआ। उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए महासचिव भरत लाल ने वृद्धाश्रमों की उभरती भूमिका और उनके कामकाज में बदलाव और सुधार की आवश्यकता के बारे में बात की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आयोग नागरिक समाज संगठनों, विशेष प्रतिवेदकों और स्पेशल मॉनिटर तथा मानव अधिकार संरक्षकों के साथ मिलकर काम कर रहा है ताकि वृद्धजनों के अधिकारों का आकलन और समर्थन किया जा सके। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि देश में वृद्धजनों के समग्र कल्याण के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं को शामिल करते हुए एक कार्य-उन्मुख मॉडल पर काम किया जाए। उन्होंने सभी संगठनों के बीच तालमेल का आग्रह किया। प्रत्येक सत्र में वक्ताओं के भाषण के बाद डब्ल्यूएचओ, यूएनएफपीए और टाटा ट्रस्ट जैसे संगठनों सहित विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिभागियों के सवालों पर चर्चा करने के लिए ओपन हाउस चर्चा भी आयोजित की गई, जिसमे सभी ने बढ़ -चढ़कर हिस्सेदारी की।