अक्षय पुण्य देने वाला पुरुषोत्तम मास
भोपाल [ महामीडिया ] 18 जुलाई से अधिक मास शुरू हो गया है। जो कि 17 अगस्त तक रहेगा। हिंदू कैलेंडर के इस एक्स्ट्रा महीने को अक्षय पुण्य देने वाला माना जाता है। पुराणों में इस बात का जिक्र है कि तीन साल में आने वाले अधिक मास में भगवान विष्णु की पूजा के साथ स्नान-दान करने से अक्षय पुण्य मिलता है और इस समय ब्रज की यात्रा करने से सभी तीर्थों की यात्रा करने जितना पुण्य फल मिलता है। भारतीय सौर और चंद्र कैलेंडर की गणना के मुताबिक एक सूर्य वर्ष 365 दिन और 6 घंटे होता है, जबकि चंद्रमा का एक वर्ष 354 दिनों का होता है। दोनों में 11 दिन का अंतर होता है, इसीलिए हर 3 साल में पुरुषोत्तम मास आता है, जो इस कमी पूरी करता है। सावन माह में धर्म-कर्म करने व शिव पूजा करने से अक्षय पुण्य मिलता है। अधिक मास में भगवान शिव और भगवान विष्णु की पूजा से शुभ फल की प्राप्ति होती है। अधिक मास के स्वामी भगवान विष्णु और सावन माह के स्वामी भगवान शिव हैं। ऐसे में सावन माह में पूजन से भगवान विष्णु और शिव दोनों का ही आशीर्वाद मिलता है।2