महाकुंभ के दौरान गंगा स्नान की परम्परा

महाकुंभ के दौरान गंगा स्नान की परम्परा

भोपाल [ महामीडिया] संगम नगरी प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक महाकुंभ मेला आयोजित हो रहा है। यह महाकुंभ हर 12 साल में होता है जहां देशभर के करोड़ों श्रद्धालु को गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम तट पर स्नान कर पुण्य लाभ लेते हैं। यदि आप किसी कारणवश इस महाकुंभ में भाग नहीं ले पा रहे हैं तो घर बैठे भी इसका पुण्य प्राप्त कर सकते हैं। यदि गंगा स्नान संभव न हो तो नजदीकी किसी स्वच्छ तालाब, सरोवर या नदी में स्नान करें। इसे महाकुंभ स्नान के समान फलदायी माना गया है। संभव हो तो नर्मदा, कावेरी जैसी पवित्र नदियों में स्नान करें। यदि कुंभ स्नान संभव नहीं  हो तो नहाने के पानी में गंगाजल मिलाएं। यदि गंगाजल उपलब्ध न हो तो यमुना या गोदावरी नदी का जल भी उपयोग में ला सकते हैं। यह उपाय आध्यात्मिक शुद्धि के साथ पुण्यफल देने वाला है। 

  • महाकुंभ के दौरान त्रिवेणी संगम पर गंगा स्नान करने को बहुत पवित्र माना जाता है ऐसा माना जाता है कि इस दिन स्नान करने से सारे पाप धुल जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। 
  • महाकुंभ के दौरान स्नान करने से शारीरिक, मानसिक, और आत्मिक शांति मिलती है ।

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