सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत है कपूर 

सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत है कपूर 

मैहर घर में नकारात्मक ऊर्जा है और जीवन में उन्नति नहीं हो रही है तो वास्तु शास्त्र में इसको लेकर कई उपाय बताए गए हैं। वास्तु शास्त्र में नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए कपूर से जुड़े भी कई उपाय बताए गए हैं । कपूर जीवन में सौभाग्य ला सकता है और इससे जुड़े उपाय आर्थिक तंगी दूर कर सकते हैं। घर में इस स्थानों पर कपूर रखने से नकारात्मक ऊर्जा खत्म हो जाती है। अगर आप किचन में कपूर की टिकिया रखते हैं तो यह सौभाग्य ला सकता है। यह घर में पैसा कमाने और बुरी शक्ति को दूर रखने में मदद कर सकता है। इससे घर में सकारात्मकता और खुशहाली आती है।विभिन्न प्रकार की अच्छी और बुरी ऊर्जाएं सामने वाले दरवाजे से हमारे घर में आती हैं, लेकिन अगर हम घर के मुख्य द्वार पर कपूर रखते हैं तो बुरी ऊर्जाओं को अंदर आने से रोक सकता है और जब अच्छी ऊर्जा के कारण जीवन संपन्नता ला सकते हैं। बेडरूम में भी कपूर रखना परिवार के लिए अच्छा रहता है। यह कपल्स को एक-दूसरे के करीब लाता है और साथ में नींद भी अच्छी आती है। चिंता और तनाव में कमी आती है। आपस में प्रेम बढ़ता है ।कपूर को तिजोरी या अलमारी में रखना भी शुभ होता है। इससे देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती है। व्यवसाय में सफलता का मार्ग कपूर प्रशस्त करता है । कपूर  उड़नशील एक वानस्पतिक द्रव्य है। यह श्वेत रंग का मोम जैसा पदार्थ है। इसमे एक तीखी गंध होती है।  हिन्दू धर्म में कपूर जलाने का एक खास महत्व है. पूजन से लेकर हवन तक कपूर का इस्तेमाल हर तरह की पूजा में खासतौर से किया जाता है आजकल कपूर कई वृक्षों से निकाला जोता है । ये सबके सब वृक्ष प्रायः दारचीनी के जाति के हैं । इनमें प्रधान पेड़ दारचीनी कपूरी मियाने कद का सदाबहार पेड़ है जो चीन, जापान, कोचीन और फारमूसा (ताइवान) में होता है । अब इसके पेड़ हिंदुस्तान में भी देहरादून और निलगिरि पर लगाए गए हैं और कलकत्ते तथा सहारनपुर के कंपनी बागों में भी इनके पेड़ हैं । इसकी पतली पतली चैलीयों और डालियों तथा जड़ों के टुकडे़ बंद बर्तन में जिससे कुछ दूर तक पानी भरा रहता है, इस ढंग से रखे जाते हैं की उनका लगाव पानी से न रहे । बर्तन के नीचे आग जलाई जाती है । आँच लगने से लकड़ियों में से कपूर उड़कर ऊपर के ढक्कन में जम जाता है । 

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