जजों को स्वतंत्र होने के साथ कार्यपालिका के साथ खड़ा होना चाहिए-चीफ जस्टिस

जजों को स्वतंत्र होने के साथ कार्यपालिका के साथ खड़ा होना चाहिए-चीफ जस्टिस

मुंबई [ महामीडिया] चीफ जस्टिस धनंजय चंद्रचूड़ ने कहा कि भारत भर के जज 'सबसे अधिक' स्वतंत्रता की भावना के साथ काम करते हैं, लेकिन न्यायालय के बुनियादी ढांचे की बात करें तो उन्हें कार्यपालिका के साथ खड़ा होना चाहिए। चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा"हमें स्पष्ट होना चाहिए और अपने दृष्टिकोण से भ्रमित नहीं होना चाहिए, जजों को अपने कार्यों को सबसे अधिक स्वतंत्रता की भावना के साथ करना चाहिए। लेकिन जब प्रशासनिक पक्ष की बात आती है तो हमें ऐसी परियोजनाओं के लिए सरकार के साथ खड़ा होना चाहिए, जो सभी के लिए हैं, न कि केवल जजों के लिए निजी परियोजनाएं। कार्यपालिका के साथ सहयोग की भावना सभी को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए है। " चीफ जस्टिस मुंबई के बांद्रा में बॉम्बे हाईकोर्ट के लिए नए न्यायालय परिसर के शिलान्यास समारोह में बोल रहे थे।मुंबई के आलीशान फोर्ट इलाके में स्थित सौ साल पुरानी हाईकोर्ट की इमारत में जगह की कमी है। इसलिए 2019 में हाई कोर्ट ने एक विस्तृत फैसला सुनाते हुए महाराष्ट्र सरकार से हाईकोर्ट परिसर के लिए नई जगह आवंटित करने को कहा था। इस साल सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर स्वत: संज्ञान लिया और तदनुसार, राज्य ने चरणबद्ध तरीके से हाई कोर्ट को लगभग 30.16 एकड़ जमीन आवंटित करने का फैसला किया, जिसमें से 4.39 एकड़ जमीन हाल ही में सौंपी गई, जहां सोमवार को सीजेआई ने भूमि पूजन किया।

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