म.प्र. में फार्मेसी अधिनियम का खुलेआम उल्लंघन
मैहर [ महामीडिया] आयुष्मान आरोग्य केंद्रों में 126 प्रकार की दवाओं का वितरण और संधारण किया जाता है। वर्तमान में इन केंद्रों में गैर-फार्मासिस्टों की मदद ली जा रही है, जो फार्मेसी एक्ट का उल्लंघन है। आयुष्मान आरोग्य मंदिरों को खुले हुए कोई चार साल का समय बीतने वाला है, लेकिन एक भी जगह पर फार्मासिस्ट की नियुक्ति नहीं की गई है।पूरे देश के साथ-साथ मप्र में भी आरोग्य मंदिर खोलने की प्रक्रिया अपनाई गई थी। तीन से पांच हजार की आबादी वाले क्षेत्रों में आयुष्मान मंदिरों की स्थापना की गई है। कुछ जगहों पर नवीन मंदिरों का निर्माण हुआ तो कुछ को उपस्वास्थ्य केंद्रों में अपडेट किया गया। यह केंद्र खोलने के बाद यहां सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों के अलावा फार्मासिस्ट की नियुक्ति की जानी थी। यहां सीएचओ की नियुक्ति तो कर दी गई, लेकिन एक भी आरोग्य मंदिर में फार्मासिस्ट को नियुक्त नहीं किया गया है। जबकि शासकीय अस्पतालों में रोगियों को नि:शुल्क दवाओं का प्रावधान है। कारण है कि डाक्टर रोगी का मर्ज पकडक़र पर्चे पर दवा लिखेगा तो फार्मासिस्ट औषधि वितरण केंद्र पर मरीज को वह मेडीसिन देगा और पूरी तरह समझाएगा।