सुप्रीम कोर्ट ने निजी संपत्ति को सामुदायिक संपत्ति मानने पर रोक लगाई
नईदिल्ली [ महामीडिया] क्या सरकार आम लोगों की भलाई के लिए निजी संपत्ति का अधिग्रहण कर सकती है ? इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट की 9 जजों की बेंच ने आज मंगलवार को बहुमत से निर्णय सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हर निजी संपत्ति को सामुदायिक संपत्ति नहीं कह सकते। कुछ संसाधनों को ही सरकार सामुदायिक संसाधन मानकर इनका उपयोग सार्वजनिक हित में कर सकती है। चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में 9 जजों की बेंच में से 7 जजों ने इस निर्णय का समर्थन किया। सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस कृष्ण अय्यर के पूर्व निर्णय को रद्द कर दिया, जिसमें कहा गया था कि "सभी निजी स्वामित्व वाले संसाधनों को राज्य द्वारा अधिग्रहित किया जा सकता है।" सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पुराना फैसला विशेष आर्थिक, समाजवादी विचारधारा से प्रेरित था।