
भारत और चीन का पहला संयुक्त उपक्रम बना
भोपाल [महामीडिया] सरकार भारतीय और चीनी कंपनियों के संयुक्त उपक्रम के प्रस्तावों की समीक्षा के लिए सर्वोत्तम दृष्टिकोण निर्धारित करने के लिए विभिन्न मॉडलों को परख भी रही है। इसी क्रम में घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण दिग्गज डिक्सन टेक्नाॅलजीज को चीन की कंपनी लॉन्गचीयर के साथ संयुक्त उपक्रम बनाने के प्रस्ताव को आज इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से मंजूरी मिल गई। लॉन्गचीयर की सिंगापुर की सहायक कंपनी के साथ गठित होने वाली इस साझेदारी में डिक्सन की बहुलांश 76 फीसदी हिस्सेदारी होगी और चीन की कंपनी का हिस्सा 24 फीसदी होगा। संयुक्त उपक्रम का नाम डिक्सटेल इन्फोकॉम होगा। दोनों कंपनियों के बीच समझौतों को अंतिम रूप दिए जाने के बाद भारत में स्मार्टफोन, टैबलेट, ट्रू वायरलेस स्टीरियो डिवाइस, स्मार्टवॉच, आर्टिफिशल इंटेलिजेंस पर्सनल कंप्यूटर, ऑटोमोटिव इलेक्ट्रॉनिक्स और हेल्थकेयर डिवाइस का विनिर्माण और आपूर्ति शुरू की जाएगी। इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र में चीनी कंपनियों के लिए लचीला रुख अपनाए जाने की संभावना के साथ ही चीन की सरकार के साथ दुर्लभ खनिज मैग्नेट सहित महत्त्वपूर्ण खनिजों की आपूर्ति के विभिन्न पहलुओं पर भी चर्चा की जा रही है।