म.प्र. में बारह पर्यटक स्थल विकसित करने की तैयारी

म.प्र. में बारह पर्यटक स्थल विकसित करने की तैयारी

भोपाल [ महामीडिया ] देश में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए अब पर्यटन विभाग पारंपरिक पर्यटन स्थल के अलावा अन्य स्थानों पर भी अवसर तलाश रहा है। अब यह कोशिश केवल इंदौर, भोपाल, ओंकारेश्वर, ग्वालियर, पचमढ़ी तक ही सीमित नहीं रहेगी बल्कि अन्य जिलों के शहरों को भी इसमें शामिल किया जा रहा है। यह टेंडर भोपाल एयरपोर्ट के समीप स्थित पीपलनेर, बुरहानपुर के हथनूर, खंडवा के इंदरा सागर जलाशय पर बने इमलानी आइलैंड, लछोरामाल आइलैंड, नजरपुरा आइलैंड, कसरावद आइलैंड, जबलपुर में भेड़ाघाट के पास सि्थत बिलखिरूआ, खजुराहो के समीप स्थित दतला पहाड़, सांची के पास स्थित नीनोद, ओरछा के पास स्थित सावंत नगर, देवास के पास शंकरगढ़ ओर उज्जैन के मसीप स्थित ब्रिजराजखेड़ी के लिए जारी हुए हैं। यहां निवेशकों को न्यूनतम 100 करोड़ की राशि निवेश करना होगी। इन स्थानों पर पर्यटक कैसे अधिक संख्या में आएं इसकी योजना बनाने की आजादी भी निवेशकों को दी जा रही है, जिसे वे अपने हिसाब से विकसित कर सकें।
चिह्नित स्थानों पर पर्यटन को बढ़ाने के लिए की जा रही कोशिश के तहत स्थानारूप निर्माण कार्य होगा। इन स्थानों पर होटल, रिसार्ट, एडवेंचर पार्क, कन्वेंशन सेंटर, गोल्फ कोर्ट, वेलनेस सेंटर आदि बनाया जा सकता है। निर्माण कार्य और उससे जुड़ी योजना फिलहाल तो निवेशकों को ही दी गई है ताकि वे अपने अनुरूप वहां कार्य कर सकें। इसका लाभ यह भी होगा कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। एक साथ 12 स्थानों पर होने वाले विकास कार्य से हर क्षेत्र में पर्यटन बढ़ेगा।
बोर्ड के प्रबंध संचालक शिवशेखर शुक्ला के अनुसार कुछ वर्षों में शहर में पर्यटन के अवसर बढ़े हैं। ऐसे में अवश्यकता है कि नए स्थानों को भी विकसित किया जाए। जिन स्थानों पर संभावनाएं हैं और भूमि भी है उन्हीं स्थानों को चिन्हित कर टेंडर जारी किए गए हैं। पर्यटन व हास्पिटलिटी को बेहतर बनाने के लिए यह कार्य किया जा रहा है। यहां निवेश करने वालों को 15 से 30 प्रतिशत तक की सब्सिडी भी दी जाएगी। यह सब्सिडी निवेश की जाने वाली राशि के अनुरूप निर्धारित होगी। फिलहाल 12 स्थान इसके लिए चिह्नित किए गए हैं। भविष्य में और भी स्थानों पर इसी तरह विकास किया जाएगा, जिसमें 33 अतिरिक्त स्थान भी शामिल किए जाएंगे।


 

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