म.प्र.में संपदा-टू साफ्टवेयर का परीक्षण शुरू 

म.प्र.में संपदा-टू साफ्टवेयर का परीक्षण शुरू 

भोपाल [ महामीडिया] पंजीयन विभाग ने संपदा-टू साफ्टवेयर का ट्रायल शुरू कर दिया है। डिजिटल इंडिया के तहत मध्य प्रदेश में ई-रजिस्ट्री के संपदा-वन साफ्टवेयर को एक जुलाई 2020 पांच साल हो गए थे। इसके बाद एक जुलाई 2020 के बाद संपदा टू पर काम शुरू किया गया था। करीब दो साल चली लंबी प्रक्रिया और कई बदलावों के बाद रजिस्ट्री का साफ्टवेयर संपदा-टू अब अंतिम दौर में पहुंच गया हैं। इसके शुरू होने से जहां एक क्लिक पर प्रापर्टी की जानकारी मिलेगी, तो वहीं रजिस्ट्रियां सुरक्षित एवं पारदर्शी होंगी। इसके साथ ही बेनामी संपत्ति पर भी अंकुश लगेगा। अब संपदा-टू को नए वित्तीय वर्ष 2023-24 की नई कलेक्टर गाइडलाइन के साथ ही प्रदेशभर में शुरू करने की योजना है। पंजीयन विभाग में उप पंजीयकों को अभी खसरे की जांच के लिए एक लिंक दी गई है। अगर कोई रजिस्ट्री से पहले खसरे की जांच कराना चाहे तो करा सकता है। हाल ही में भू अभिलेख की साइट में राजधानी सहित प्रदेश के कई जिलों के रिकार्ड को डिजिटलाइज कर साइट पर अपलोड किया गया है। राजस्व अधिकारियों की मानें तो राजस्व का पूरा रिकार्ड अब डिजिटल हो चुका है। जो बचा है वो भी किया जा रहा है। आगामी वित्तीय वर्ष में ये रिकार्ड भी पंजीयन की साइट से लिंक हो जाएगा। इससे खसरा, खतौनी व नक्शा जांचन में आसानी होगी। नए वित्तीय वर्ष 2023-24 की नई कलेक्टर गाइडलाइन के लिए पंजीयन अधिकारियों ने अधिक दर पर हुई रजिस्ट्रियों को छांटना शुरू कर दिया है। पहली बैठक में यह लोकेशन पटवारियों को दी जाएगी, वह बिल्डर के प्रोजेक्ट और ब्राशर के आधार पर इनकी पड़ताल कर रहे हैं। 

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