गोली का जवाब गोले से दिया जाएगा : मोदी

गोली का जवाब गोले से दिया जाएगा : मोदी

भोपाल [महामीडिया] प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शनिवार को म.प्र. की राजधानी भोपाल में महिला सशक्तिकरण महासम्मेलन में हिस्सा लिया। लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर की जन्म जयंती पर आयोजित इस आयोजन में सिंदूरी रंग उमड़ा। महिलाएं सिंदूरी रंग की साड़ियां पहनकर कार्यक्रम में शामिल हुईं।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- पहलगाम में आतंकियों ने भारत की नारी शक्ति को चुनौती दी है। यह चुनौती आतंकियों और उनके आकाओं के लिए काल बन गई है। ऑपरेशन सिंदूर भारत के इतिहास का सबसे बड़ा और सफल ऑपरेशन है। भारतीय सेना ने पाकिस्तान की सीमा में सैकड़ों किमी घुसकर आतंकियों को मिट्टी में मिला दिया है। अब पाकिस्तान का प्रॉक्सी वार नहीं चलेगा। जो आतंकियों को मदद करेगा उसको भी इसकी भारी कीमत चुकाना पड़ेगी। मोदी ने कहाँ अब भारत का एक-एक नागरिक कह रहा है कि अगर तुम गोली चलाओगे, तो मानकर चलो गोली का जवाब गोले से दिया जाएगा। ऑपरेशन सिंदूर हमारी नारी शक्ति के सामर्थ्य का भी प्रतीक है।

प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन की बड़ी बातें-

  • सबसे पहले मैं मां भारती को, भारत की मातृशक्ति को प्रणाम करता हूं। आज यहां इतनी बड़ी संख्या में माताएं-बहनें-बेटियां हमें आशीर्वाद देने आई हैं। मैं आप सभी के दर्शन पाकर धन्य हो गया हूं। आज लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर जी की 300वीं जन्मजयंती है। 140 करोड़ भारतीयों के लिए ये अवसर प्रेरणा का है। राष्ट्र निर्माण के लिए हो रहे भगीरथ प्रयासों में अपना योगदान देने का है।देवी अहिल्याबाई कहती थी कि शासन का सही अर्थ जनता की सेवा करना और उनके जीवन में सुधार लाना होता है। आज का कार्यक्रम उनकी इस सोच को आगे बढ़ाता है। आज इंदौर मेट्रो की शुरुआत हुई है, दतिया और सतना भी अब हवाई सेवा से जुड़ गए हैं। ये सभी प्रोजेक्ट मध्य प्रदेश में सुविधाएं बढ़ायेंगे। विकास को गति देंगे और रोजगार के अनेक नए अवसर बनाएंगे। मैं आज इस पवित्र दिवस पर इन सभी कामों के लिए पूरे मध्य प्रदेश को बहुत बधाई देता ह

 

  • लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर का नाम सुनते ही मन में श्रद्धा का भाव उमड़ पड़ता है। उनके महान व्यक्तित्व के बारे में बोलने के लिए शब्द कम पड़ जाते हैं। देवी अहिल्याबाई प्रतीक हैं कि जब इच्छाशक्ति होती है, दृढ़ प्रतिज्ञा होती है तो परिस्थितियां कितनी ही विपरीत क्यों ना हों, परिणाम लाकर दिखाया जा सकता है। 250-300 साल पहले जब देश गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ था। उस समय ऐसे महान कार्य कर जाना कि आने वाली अनेक पीढियां उसकी चर्चा करें, ये कहना तो आसान है, करना आसान नहीं था। लोकमाता अहिल्याबाई ने प्रभुसेवा और जनसेवा को कभी अलग नहीं माना। कहते हैं कि वे हमेशा शिवलिंग अपने साथ लेकर चलती थी। उस चुनौतीपूर्ण कालखंड में एक राज्य का नेतृत्व, कांटों से भरा ताज, लेकिन लोकमाता अहिल्याबाई ने अपने राज्य की समृद्धि को नई दिशा दी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा मंच पर राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ल, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, भोपाल जिले के प्रभारी मंत्री चैतन्य कुमार कश्यप के साथ ही मोहन कैबिनेट की सभी महिला मंत्री मौजूद हैं। इसके अलावा भोपाल की महापौर मालती राय मंच पर पीएम के साथ बैठी हैं। इसी तरह इंदौर में कार्यक्रम स्थल पर कैलाश विजयवर्गीय, उज्जैन में तुलसी सिलावट और गौतम टेटवाल, सतना में दिलीप जायसवाल और दतिया में एदल सिंह कंषाना मौजूद हैं। कार्यक्रम का संचालन भी महिला मंत्री कृष्णा गौर कर रही हैं।

 

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