दस महाविद्याओं की आराधना का पर्व गुप्त नवरात्रि

दस महाविद्याओं की आराधना का पर्व गुप्त नवरात्रि

भोपाल [ महामीडिया]  गुप्त नवरात्रि में भगवती की पूजा और दस महाविद्याओं की आराधना का विशेष महत्व है। नवरात्रि के पहले दिन यानी प्रतिपदा तिथि पर सूर्य देव मिथुन राशि में रहेंगे और चंद्रमा मिथुन राशि से कर्क राशि में प्रवेश करेंगे। साल में दो बार गुप्त नवरात्रि पड़ती है। माघ और आषाढ़ महीने में गुप्त नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। गुप्त नवरात्रि में मुख्य रूप से तंत्र साधनाओं का महत्व होता है जिन्हें गुप्त रूप से किया जाता है इसलिए यह गुप्त नवरात्रि कहलाती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, गुप्त नवरात्रि में माता के नौ स्वरूपों के साथ दस महाविद्याओं यानी मां काली, मां तारा, मां त्रिपुर सुंदरी, मां भुवनेश्वरी, मां छिन्नमस्ता, मां त्रिपुरा भैरवी, मां धूमावती, मां बगलामुखी, मां मातंगी और मां कमला की उपासना की जाती है।

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