
मेघालय का वर्षाकालीन पर्यटन
भोपाल [ महामीडिया] मेघालय जिसका शाब्दिक अर्थ है- बादलों का निवास जो कि पूर्वोत्तर भारत का एक महत्वपूर्ण राज्य है। इस नाम का कारण यहाँ बहुत अधिक वर्षा का होना माना जा सकता है विश्व में सबसे अधिक वर्षा चेरापूंजी में होती है जो खासी पहाड़ियों में है। यह तीन संस्कृतियों- खासी, गारो और जयंतिया का संगम है। लंबे समय से मिशनरी प्रभाव के कारण मेघालय एक अंग्रेजी-भाषी राज्य है पर मिशनरी प्रभाव के बावजूद इस राज्य ने अपनी संस्कृति नहीं छोड़ी है। यहाँ की राजधानी शिलोंग है जो खासी क्षेत्र में आता है। मेघालय की आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है पर यहाँ बहुत सी भाषाएँ और बोलियाँ प्रचलित हैं। दक्षिणी मेघालय में पूर्वी खासी पहाड़ियों में स्थित गांव मावलिननॉन्ग ‘एशिया का सबसे स्वच्छ गांव’ के नाम से प्रसिद्ध है इसलिए यह खबरों में रहा है। यहाँ के निवासी इस गाँव को ‘भगवान का अपना गांव’ कहते हैं। यह शिलांग से सड़क द्वारा अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। इस गांव के पास पुराने पेड़ों की जड़ों से बने प्राकृतिक पुल (लिविंग रूट ब्रिज) हैं जो समय के साथ मजबूत होते जाते हैं। इन पुलों पर आप खड़े हो सकते हैं। ये प्राकृतिक पुल न केवल प्रकृति का उपहार हैं, बल्कि विश्व का एक आश्चर्य भी हैं। इस गाँव के पास ही प्रसिद्ध डॉकी झील है (इसे उमंगोत नदी भी कहते हैं)। यह भारत की सबसे स्वच्छ झील है। इसका पानी इतना पारदर्शी है कि उसमें चलती नाव हवा में चलती-सी दिखती है। इसके चारों ओर हरियाली, फूल और मनोरम दृश्य हैं। डॉंगर, मेघालय में स्थित एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है, जो नेताजी सुभाष चंद्र बोस, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का सबसे बड़ा नेता, के बारे में महत्वपूर्ण है। यही जगह है जहाँ नेता ने अपनी आजादी की लड़ाई को उच्चतम स्तर पर उठाया। डॉंगर एक सुंदर गाँव है जो मेघालय में रहने वाले आदिवासी लोगों की संस्कृति का गहरा अनुभव देता है। यहाँ के लोगों की सादगी और भारतीय मूल्यों का अपमान है। डॉंगर में दिखाई देने वाली सामाजिक संस्कृति और इतिहास की रहस्यमयी बातें हमें बताती हैं कि इस गाँव कितना महत्वपूर्ण है। डॉंगर नेता सुभाष चंद्र बोस के विचारों और कार्यों को समझने के लिए महत्वपूर्ण स्थान है। यहाँ के उनके समर्थन ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को नया रूप दिया और लोगों को अपने आदिवासी जीवनशैली का सम्मान करने की प्रेरणा दी। मेघालय, पर्वतारोहण, रॉक क्लाइम्बिंग, ट्रेकिंग और हाइकिंग, वाटर स्पोर्ट्स आदि के रूप में कई साहसिक पर्यटन अवसर प्रदान करता है। हिरण और भालू उमियाम झील के पास एक जल क्रीड़ा परिसर है, जिसमे रोबोबोट्स, पैडलबोट्स, सेलिंग नौकाओं, क्रूज-बोट्स, वॉटर स्कूटर और स्पीडबोट्स भी है।चेरापुंजी भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य मेघालय का एक शहर है। यह शिलांग से 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह स्थान दुनिया भर में मशहूर है। हाल ही में इसका नाम चेरापूंजी से बदलकर सोहरा रख दिया गया है। वास्तव में स्थानीय लोग इसे सोहरा नाम से ही जानते हैं। यह स्थान दुनियाभर में सर्वाधिक बारिश के लिए जाना जाता है। इसके नजदीक ही नोहकालीकाई झरना है, जिसे पर्यटक जरूर देखने जाते हैं। यहां कई गुफा भी हैं, जिनमें से कुछ कई किलोमीटर लम्बी हैं। चेरापूंजी बांगलादेश सीमा से काफी करीब है, इसलिए यहां से बांगलादेश को भी देखा जा सकता है। मावसिनराम गुफा अपनी आप में खास है। यही विशिष्टता इसकी पहचान है। मावसिनराम की गुफा के चलते मेघालय का यह गांव भारत के साथ साथ दुनियाभर में लोकप्रिय है। मेघालय के खूबसूरत नजारों में से एक है मावसिनराम, जो शिलांग से 56 किमी की दूरी पर स्थित है। इसकी गुफा मावसिनराम गांव से करीब एक किमी उत्तर में है। यह गुफा स्टलैग्माइट यानी चूने के पत्थरों से बनी बड़ी बड़ी चोटियों के लिए मशहूर है। इनकी उंचाई 25.30 फीट तक है। ये चोटियां शिवलिंग की तरह दिखती है। इस गुफा का दूसरा नाम मावियमबुइन भी है।
[ संजीव दुबे ]