यूरोपीय संघ के कार्बन कर फैसले से खलबली 

यूरोपीय संघ के कार्बन कर फैसले से खलबली 

नई दिल्ली [ महामीडिया] 2026 से कार्बन कर लगाने के यूरोपीय संघ के फैसले से वैश्विक व्यापार को नुकसान होगा और कार्बन उत्सर्जन को रोकने में मदद नहीं मिलेगी। जीवाश्म ईंधन ग्रीनहाउस में 90 प्रतिशत और कार्बन उत्सर्जन में 75 प्रतिशत योगदान देता है और अगर कार्बन उत्सर्जन से मुक्ति का लक्ष्य है तो यूरोपीय संघ को जीवाश्म-ईंधन के आयात पर भारी कर लगाना चाहिए। एक कंपनी बेहतर प्रौद्योगिकी, सस्ते श्रम, कर प्रोत्साहन, सब्सिडी पर मिलने वाली जमीन एवं बिजली के लिए दूसरे देश में स्थानांतरित हो सकती है, न कि केवल कार्बन करों से बचने के लिए। यूरोपीय संघ ने इन प्रमुख बिंदुओं को नजरअंदाज किया और इस तरह उत्पादन को दूसरी जगह ले जाने की संकल्पना का विरोध किया है। कुछ ऐसे विचार रखकर कंपनियां यूरोपीय संघ के कार्बन कर फैसले को अनुचित  ठहरा रही हैं, जिससे उद्योग जगत में खलबली मच गई है ।
 

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