
अधिवक्ता अधिनियम में संशोधन के लिए सुझाव आमंत्रित
भोपाल [ महा मीडिया] भारत में कानूनी ढांचे को मजबूत करने के अपने निरंतर प्रयास में अधिवक्ता अधिनियम, 1961 में संशोधन करने का प्रस्ताव कर रही है। मूल अधिनियम 1961 में कानूनी पेशे को नियमित करने, मुवक्किलों के हितों की रक्षा करने और अधिवक्ताओं के पेशेवर मानकों को बढ़ाने के लिए पेश किया गया था। सुधार के प्रति अपनी लगातार प्रतिबद्धता के अंतर्गत, सरकार कानूनी पेशे को निष्पक्ष, पारदर्शी और सभी के लिए सुलभ बनाने के उद्देश्य से बदलाव ला रही है।
समकालीन चुनौतियों का समाधान करने और बढ़ते राष्ट्र की जरूरतों को पूरा करने के लिए अधिवक्ता अधिनियम, 1961 में संशोधन करने का प्रस्ताव कर रहा है। इन संशोधनों का उद्देश्य कानूनी पेशे और कानूनी शिक्षा को विश्वस्तरीय सर्वोत्तम प्रथाओं के साथ जोड़ना है। सुधार कानूनी शिक्षा में सुधार, वकीलों को तेजी से बदलती दुनिया की मांगों को पूरा करने के लिए तैयार करने और पेशेवर मानकों को को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
मसौदा संशोधनों पर जनता से टिप्पणियां,प्रतिक्रियाएं आमंत्रित की गई हैं। टिप्पणियां और प्रतिक्रियाएं dhruvakumar.1973@gov.in पर 28 फरवरी तक तक ईमेल द्वारा भेजी जा सकती हैं ।