
दुर्लभ खनिजों के भंडार पर दुनिया की नजरें टिकी
भोपाल [महामीडिया] दुर्लभ अर्थ मैटेरियल्स 17 मिनरल एलिमेंट्स का एक समूह है जिसमें अद्वितीय गुण होते हैं। हाई टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री के लिए ये तत्व काफी ज्यादा महत्वपूर्ण होते हैं। इन तत्वों के बिना हाई टेक्नोलॉजी वाले सामान बन ही नहीं सकते हैं। जैसे स्मार्टफोन, लैपटॉप और इलेक्ट्रिक वाहन बनाने के लिए चिप और बैटरी चाहिए, जिसके लिए अर्थ मैटेरियल्स की जरूरत होती है। मिसाइल, रडार और एडवांस हथियार बनाने के लिए दुर्लभ खनिज चाहिए ही चाहिए। इसके अलावा रिन्यूवल एनर्जी, पवन टर्बाइन और सौर पैनल के लिए भी दुर्लभ तत्व चाहिए। एक नये ग्लोबल मैप में पृथ्वी पर सबसे समृद्ध दुर्लभ खनिज भंडारों को दिखाया गया है। इन खनिजों को दुर्लभ इसलिए माना गया है क्योंकि इन्हें पृथ्वी से निकालना काफी ज्यादा मुश्किल और महंगा होता है। मानचित्र के मुताबिक चीन में 44 मिलियन मीट्रिक टन भंडार छिपा है और वो ग्लोबल प्रोडक्शन का लीडर है। चीन के बाद अफ्रीका खास तौर पर मोरक्को और दक्षिण अफ्रीका में प्रचुर मात्रा में जस्ता, लिथियम और कोबाल्ट के भंडार हैं जो रिन्यूवल एनर्जी के लिए सबसे ज्यादा जरूरी खनिज माने जाते हैं। इससे बैटरी का निर्माण होता है।