ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स की डिमांड और दक्षता में वृद्धि

ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स की डिमांड और दक्षता में वृद्धि

भोपाल[ महामीडिया ] भारत में अंतरराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स के विस्तार और टेक पेशेवरों की बढ़ती मांग के कारण,आईटी सेवाओं वाली कंपनियों की तुलना में वेतन अंतर बढ़ता जा रहा है। ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स समान टेक पोजिशन के लिए आईटी सेवाओं और अन्य नॉन-टेक उद्योगों की तुलना में 12-20 प्रतिशत तक ज्यादा वेतन दे रहे हैं।ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स सॉफ्टवेयर डेवलपर्स को उनके अनुभव के आधार पर सालाना 9.7 लाख रुपये से लेकर 43 लाख रुपये तक का वेतन दे रहे हैं। इसके विपरीत, आईटी प्रोडक्ट और सर्विसेज के सेक्टर में एंट्री-लेवल पदों के लिए लगभग 5.7 लाख रुपये प्रति वर्ष का वेतन दिया जाता है, जो आठ साल से अधिक अनुभव रखने वालों के लिए 17.9 लाख रुपये प्रति वर्ष तक पहुंचता है।वर्तमान में भारत में संचालित 1,600 ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स में 16.6 लाख से अधिक लोग काम कर रहे हैं। अगले पांच से छह सालों में अतिरिक्त 800 ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स स्थापित होने की उम्मीद है, जिससे भारत का ग्लोबल टेक हब के रूप में महत्व और बढ़ेगा। इन नए ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स में से कई कोलकाता, अहमदाबाद और वडोदरा जैसे टियर- II शहरों में स्थापित होने की संभावना है, जिससे भौगोलिक विविधीकरण को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय रोजगार में वृद्धि होगी।ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर कंपनियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विस्तार करने में मदद करते हैं। यह केंद्र हितधारकों का विश्वास बनाते हैं, एकाकी दृष्टिकोणों को दूर करते हैं, और सीमा पार व्यापार को सुव्यवस्थित करते हैं। इससे मूल संगठन को वह करने में मदद मिलती है, जो वह सबसे अच्छा करता है। ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स आधुनिक व्यवसायों के लिए परिचालन उत्कृष्टता, नवाचार, और प्रतिस्पर्धात्मकता को आगे बढ़ाने में भी अहम भूमिका निभाते हैं ।

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