दुनिया के करोड़ों नौनिहाल आयोडीन से वंचित
मैहर [ महामीडिया] दुनिया में लोगों को भोजन में पर्याप्त आयोडीन नहीं मिल पा रहा है इनमें करोड़ों स्कूली बच्चे भी शामिल हैं। इन सभी लोगों को आयोडीन डेफिशिएंसी डिसऑर्डर का खतरा है। इसके कारण घेंघा और हाइपोथायरॉइडिज्म जैसी समस्याएं हो सकती हैं। देश के लगभग 20 करोड़ से ज्यादा लोगों को आयोडीन डेफिशिएंसी डिसऑर्डर का खतरा है। 7 करोड़ से ज्यादा लोग घेंघा से और आयोडीन की कमी से होने वाले अन्य डिसऑर्डर से जूझ रहे हैं।आयोडीन एक ट्रेस मिनरल है यानी ऐसा मिनरल जो शरीर को बहुत कम मात्रा में चाहिए। इसके बावजूद यह हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में अहम भूमिका निभाता है। आयोडीन की कमी होने पर आयोडीन डेफिशिएंसी डिसऑर्डर का जोखिम बढ़ सकता है। ऐसा होने पर शरीर मूड स्विंग्स और चिड़चिड़ाहट जैसे इशारे करता है। आमतौर पर डॉक्टर आयोडीन सप्लीमेंट्स के साथ आयोडीन की कमी का इलाज करते हैं। अगर लंबे समय से कमी है तो शरीर में थायरॉइड हॉर्मोन्स की भी कमी हो सकती है। इसलिए डॉक्टर थायरॉइड हॉर्मोन सप्लीमेंट्स लेने की भी सलाह दे सकते हैं। अगर कोई बच्चा आयोडीन डेफिशिएंट पैदा हुआ है तो इस कंडीशन का इलाज थायरॉइड हॉर्मोन सप्लीमेंट्स से किया जा सकता है। अगर बच्चे की कंडीशन ज्यादा गंभीर है तो उसे जीवन भर थायरॉइड हॉर्मोन्स सप्लीमेंट्स लेने पड़ सकते हैं।