इस बार दुर्लभ संयोग में मकर संक्रांति पर्व

इस बार दुर्लभ संयोग में मकर संक्रांति पर्व

भोपाल [ महामीडिया] मकर संक्रांति का धार्मिक, सांस्कृतिक और खगोलीय महत्व है. धार्मिक दृष्टि से, यह दिन भगवान सूर्य की पूजा का दिन है। इस दिन लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं, दान-पुण्य करते हैं और सूर्य देव की आराधना करते हैं। सांस्कृतिक रूप से यह पर्व नई फसल के आगमन की खुशी का प्रतीक है। इस दिन तिल और गुड़ से बनी चीजें खाई जाती हैं और पतंगें उड़ाई जाती हैं। खगोलीय दृष्टि से इस दिन सूर्य की स्थिति में परिवर्तन होता है जिससे दिन बड़े होने लगते हैं और रातें छोटी होने लगती हैं । 14 जनवरी 2025 को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा।14 जनवरी 2025 को मकर संक्रांति एक विशेष संयोग में मनाई जाएगी इस दिन 19 साल बाद दुर्लभ भौम पुष्प योग बन रहा है। भौम पुष्प योग को अत्यंत शुभ माना जाता है यह योग मंगल और पुष्य नक्षत्र के मिलन से बनता है ।

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