माँ नर्मदा का उद्गम स्थल अमरकंटक 

माँ नर्मदा का उद्गम स्थल अमरकंटक 

भोपाल [ महामीडिया]  माँ नर्मदा का उद्गम स्थल अमरकंटक है और यह मध्यप्रदेश के शहडोल जिले की पुष्पराजगढ़ तहसील में है. अमरकंटक भारत के पवित भारत के पवित्र स्थलों में गिना जाता है. विंध्य और सतपुड़ा पहाड़ियों की पर्वत श्रृंखला में स्थित एक छोटा सा गाँव है, जहाँ से नर्मदा नदी पहाड़ी से निकलती है |जिसे गाय के मुँह के आकार का बनाया गया है। ऐसा कहा जाता है कि यह मैकल, व्यास और ब्रिघू आदि ऋषि जैसे महान संतों के लिए ध्यान का स्थान था। ऐतिहासिक प्रमाणों से पता चलता है कि यह कलचुरी द्वारा बारहवीं शताब्दी के आसपास बनाया गया था। नर्मदा उद्गम कुंड (नर्मदा का जन्म स्थान) रीवा नायक द्वारा बनाया गया था (उनकी मूर्ति सुराग देती है)। वर्षों बाद, नागपुर के राजा भोंसले ने नर्मदा मंदिर को आकार दिया, बाद में महारानी देवी अहिल्या ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार कराया। मंदिरों और देवी देवताओं की मूर्तियों के साथ मंदिरों का एक बड़ा परिसर मंदिर के चारों ओर बनाया गया है। एक हाथी और एक घोड़े की मूर्ति यहाँ पर रखी गयी है, जिस पर लखन और ऊदल की मूर्तियाँ रखी गई हैं, ऐसा माना जाता है की यह औरंगजेब के काल में क्षतिग्रस्त हुई थी|इस क्षेत्र में भगवन शिव ,भृगु ऋषि , दुर्वासा ऋषि और कपिल मुनि ने तपस्या की थी | अमरकंटक तीर्थ स्थान और सिद्धक्षेत्र के रूप में प्रसिद्ध है | यहां साल भर लाखो तीर्थ यात्री दर्शन करने आते है | पुराणों में बार बार अमरकंटक (का उल्लेख मिलता है| अमरकंटक को आम्रकूट भी कहा जाता था | अमरकंटक जितना तीर्थ स्थल के लिए प्रसिद्ध है उतना ही एक हिल स्टेशन के रूप में अपनी प्रकृतिक सुन्दरता के लिए भी जाना जाता है |यहां का पवित्र शांत वातावरण और प्राकृतिक सुन्दरता सैलानियों  को मंत्रमुग्ध कर देती है | अमरकंटक चारों तरफ से साल (सरई )  के जंगलों से घिरा हुआ है  जो वर्ष भर हरे भरे रहते हैं | अमरकंटक प्राकृतिक धरोहरों से भरपूर है , यहां के जंगलों में हजारो प्रकार के  आयुर्वेदिक पौधे पाये जाते हैं | अमरकंटक मध्यप्रदेश के अनूपपूर जिले के छोर पर बसा है ,जो मध्यप्रदेश के डिन्डोरी जिले को और छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले की सीमाओं को छूता है | 

सम्बंधित ख़बरें