नागचंद्रेश्वर मंदिर में रात्रि बारह बजे से श्रद्धालुओं का ताँता

नागचंद्रेश्वर मंदिर में रात्रि बारह बजे से श्रद्धालुओं का ताँता

भोपाल [ महामीडिया] नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए भक्तों को पूरे साल इंतजार करना पड़ता है। इस इंतजार की वजह ये है कि, ये मंदिर सिर्फ साल में एक बार नागपंचमी के दिन ही खोला जाता है। हालांकि, जिस दिन मंदिर के कपाट खोले जाते हैं, यहां लाखों की संख्या में भक्त दर्शन के लिए आता है। मान्यता है कि, जिस किसी ने भी  नागचंद्रेश्वर के दर्शन पा लिये वो धन्य हो जाता है। रात्रि बारह बजे से ही मंदिरों में भीड़ जुटना शुरू हो गई थी। इस पर नागदेवता की मूर्तियों का दूध से अभिषेक कर विशेष शृंगार कर चोला चढ़ाया गया। महाकाल मंदिर के शिखर पर स्थित भगवान नागचंद्रेश्वर महादेव मंदिर के पट रात 12 बजे खोले गए। परंपरा अनुसार सबसे पहले श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से महंत विनीत गिरी महाराज ने मंदिर के द्वार खोले, जिसके बाद कलेक्टर ,एसपी ने सबसे पहले यहां पर पूजन अर्चन किया। जिसके बाद श्री नागचन्द्रेश्वर मंदिर की दुर्लभ प्रतिमा के पास पहुंचे, जहां भी भगवान का विशेष पूजन अर्चन कर त्रिकाल पूजा की शुरुआत की गई। इस पूजन अर्चन और आरती के बाद आपने शिखर के नीचे विराजमान भगवान के शिवलिंग का भी पूजन अर्चन कर आरती कर भोग लगाया गया। जिसके बाद आम श्रद्धालुओं का मंदिर में प्रवेश शुरू हुआ। भगवान के दर्शन का यह सिलसिला अगले 24 घंटे यानी शुक्रवार रात 12 बजे तक चलता रहेगा। भगवान नागचंद्रेश्वर को आज शुक्रवार दोपहर में दाल बाटी का भोग लगाया जाएगा।

 

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