म.प्र. के एक हजार निजी अस्पतालों की जांच शुरू
भोपाल [महामीडिया] भोपाल समेत पूरे प्रदेश में आयुष्मान योजना का दुरुपयोग करने वाले अस्पतालों पर शिकंजा कसने की तैयारी चल रही है। आयुष्मान भारत योजना के तहत भोपाल जिले के 200 और प्रदेश के 1000 से ज्यादा इम्पैनल्ड अस्पतालों की दोबारा जांच की जाएगी। सरकार को शिकायतें मिल रही थीं कि गली-मोहल्लों में मौजूद अयोग्य अस्पताल भी योजना में शामिल हैं।
आयुष्मान योजना में गड़बड़ियों को लेकर सरकार ने गंभीर कदम उठाने की योजना बनाई है। भोपाल के 200 अस्पतालों समेत प्रदेश भर के 1,000 अस्पतालों की जांच की जाएगी। शिकायतें सामने आने के बाद गली-मोहल्लों के छोटे अस्पतालों को आयुष्मान योजना की सूची से बाहर किया जाएगा। आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़ा और गड़बडिय़ों को रोकने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है, ताकि लाभार्थियों को सेवा ठीक से मिल सके। राज्यभर के सभी इमपेनल्ड अस्पतालों की जांच होगी। गली-मोहल्लों में चलने वाले व गैर-मानक अस्पतालों की मान्यता रद्द की जा सकती है। मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने वाले अस्पतालों को प्राथमिकता दी जाएगी। एसओपी के आधार पर अस्पतालों की पात्रता तय होगी। गड़बड़ी करने वाले अस्पतालों की संबद्धता रद्द की जाएगी। फर्जी बिलिंग में लिप्त पाए गए अस्पतालों पर कानूनी कार्रवाई भी होगी।