काशी में मिनी कुंभ की तैयारियाँ शुरू

काशी में मिनी कुंभ की तैयारियाँ शुरू

संगम तट पर महाकुंभ में उमड़े अखाड़ों के नागा साधुओं का वसंत पंचमी के स्नान के बाद अगला पड़ाव बनती है बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी। प्राय: वसंत पंचमी की बाद त्रिवेणी तट से उनके शिविर खुलना आरंभ हो जाते हैं और फिर उनका समूह चल देता है भगवान भूतनाथ की नगरी काशी की ओर। यहां गंगा तट पर सजता है मिनी कुंभ।इस पार के घाटों से लेकर उस पार रेती तक और विभिन्न मठाें, आश्रमों, धर्मशालाओं में नागा साधुओं का डेरा पड़ जाता है, सज जाती है तंबुओं की नगरी, हर ओर दिखता है भगवा, भूत-भभूत, जटा-जूट का रेला, अद्भुत लगता है अध्यात्म का मेला। फिर तो होली पर्व तक हजारों नागाओं की छावनी बनी रहती है काशी। गंगा मैया के तट से लेकर बाबा विश्वनाथ के दरबार तक नागा संतों का क्रम निरंतर बना रहता है। अनेक अद्भुत विधियों से साधना करते नागाओं के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में देश-विदेश के श्रद्धालु यहां उमड़ते हैं। काशी में होने वाले इस मिनी कुंभ की तैयारियों में प्रशासन व मठ-मंदिर जुट गए हैं।

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