म.प्र. में सेवानिवृत्त न्यायाधिशों को जीवन प्रमाण पत्र की अनिवार्यता समाप्त

म.प्र. में सेवानिवृत्त न्यायाधिशों को जीवन प्रमाण पत्र की अनिवार्यता समाप्त

भोपाल [महामीडिया] म.प्र. के निचली अदालतों से रिटायर हुए जजों को हर साल भत्ते के लिए जीवन प्रमाण पत्र  जमा कराने की अनिवार्यता समाप्त हो गई है । राज्य सरकार ने दिसंबर 2024 में जारी विवादित परिपत्र को वापस ले लिया है। सरकार की इस जानकारी के बाद चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा व जस्टिस विनय सराफ की डिवीजन बेंच ने इस आदेश को चुनौती देने वाली दो याचिकाओं का निराकरण कर दिया। दायर याचिकाओं में कहा गया था कि रिटायर्ड जजों को प्रदेश सरकार मेडिकल व घरेलू भत्ते देती है लेकिन 2024 के आदेश के कारण उन्हें हर वर्ष नवंबर में अपने रिटायरमेंट जिले में जाकर लाइफ सर्टिफिकेट जमा करना अनिवार्य कर दिया गया था। याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट को बताया कि अधिकांश रिटायर्ड जज दूसरे राज्यों या विदेशों में रहते हैं ऐसे में यह नियम अव्यवहारिक था।

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