महर्षि आश्रम में रुद्राष्टाध्यायी पाठ एवं हवन

महर्षि आश्रम में रुद्राष्टाध्यायी पाठ एवं हवन

भोपाल [ महामीडिया] तीर्थ राज प्रयाग में अयोजित महाकुंभ  के अवसर पर अरैल प्रयागराज में संगम तट स्थित महर्षि आश्रम में  समस्त विश्व के कल्याण हेतु महर्षि महेश योगी जी के तपोनिष्ठ शिष्य ब्रह्मचारी गिरीश जी की उपस्थिति में वैदिक पंडितों द्वारा रुद्राष्टाध्यायी के 1331 पाठ एवं हवन सम्पादित किये जा रहे हैं। भारत के प्रत्येक नागरिक के जीवन को सुव्यवस्थित करने हेतु रुद्राष्टाध्यायी के 1331 पाठ एवं हवन का मुख्य उद्देश्य है जो परम पूज्य महर्षि जी द्वारा प्रणीत भावातीत ध्यान के नियमित अभ्यास से अत्यंत सरल एवं सहज है।
प्रतिदिन 2:30 बजे दोपहर से सायं 5:30 बजे तक महाकुंभ के दौरान सुप्रसिद्ध कथा व्यास आचार्य द्वारा श्री देवी भागवत कथा का निरंतर प्रवाह हो रहा है । 

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