सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों में वरिष्ठ स्तर के कर्मचारी भारी दबाव में

सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों में वरिष्ठ स्तर के कर्मचारी भारी दबाव में

भोपाल [महामीडिया] सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों में वरिष्ठ स्तर के कर्मचारी भारी दबाव से गुजर रहे हैं। धीमे पड़ते कारोबार और आर्टिफिशल इंटेलिजेंस  के बढ़ते चलन के बीच आईटी कंपनियां खर्च घटाने के लिए मोटी तनख्वाह पाने वाले मझोले स्तर के कर्मचारियों पर गाज गिरा रही हैं।  देश की सात दिग्गज आईटी कंपनियों (टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस, इन्फोसिस, विप्रो, एचसीएल टेक, कॉग्निजेंट और एलटीआई माइंडट्री, टेक महिंद्रा) में 15 साल से अधिक अनुभव वाले 7,000 से अधिक वरिष्ठ कर्मचारी पिछले 12 महीनों में निकल चुके हैं चुके हैं। यह संख्या वरिष्ठ स्तर पर काम करने वाले कर्मचारियों की मोटे तौर पर 4 फीसदी है। इन कंपनियों से निकल चुके लोगों में लगभग 43 फीसदी दूसरी बड़ी या मझोली आईटी कंपनियों के साथ जुड़ चुके हैं जबकि 48 फीसदी ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर  में वरिष्ठ पदों पर चले गए हैं। शेष कर्मचारी गैर-जीसीसी या अन्य तकनीकी एवं गैर-तकनीकी भारतीय कंपनियों में चले गए हैं। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि इनमें कितने लोगों की छंटनी हुई और कितने खुद ही नौकरी छोड़कर गए थे। जब से टीसीएस ने मध्य और ऊंचे स्तरों पर 12,000 लोगों की छंटनी का ऐलान किया है तब से भारतीय आईटी कंपनियों में दबाव काफी बढ़ गया है। इनमें  वह कर्मचारी भी शामिल हैं जिनकी उम्र लगभग 50 वर्ष या इससे अधिक हो गई है। ऐसे लोगों में ज्यादातर वे लोग हैं जो पिछले दो दशक से अधिक समय से काम कर रहे हैं और लंबे समय से एक ही कंपनी से जुड़े हुए हैं ।

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