श्री राम कथा अमृत प्रवाह में आज गुरु पूजा की महिमा का वर्णन

श्री राम कथा अमृत प्रवाह में आज गुरु पूजा की महिमा का वर्णन

भोपाल [ महामीडिया ]  प्रयागराज महाकुंभ में महर्षि आश्रम में आज से श्री राम कथा अमृत प्रवाह शुरू हुआ जिसमें सुप्रसिद्ध आचार्य श्री कृष्ण दास जी महाराज व्यास पीठ पर विराजमान हैं। 
आज की कथा प्रारंभ करते हुए आचार्य श्री कृष्ण दास जी महाराज ने कहा कि "रामचरितमानस में अनेक कथाएं आती हैं जिनके प्रसंग समसामयिक हैं। उनका कहना था कि गोस्वामी तुलसीदास जी ने केवल रामचरितमानस में सूक्ष्म रूप से लिखा है तब यह इतना विस्तृत ग्रंथ है यदि उन्होंने इसे विस्तार से लिखा होता तो इसके स्वरूप की कल्पना की जा सकती है।"

एक प्रसंग को उठाते हुए कथा व्यास ने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास जी कहते हैं मैं गुरु के चरणों के धूल की पूजा करता हूं और उसे अपनी आंखों में अंजन करता हूं। कथा व्यास ने इसे गाकर सुनाया और इसका भावार्थ समझाया।

गोस्वामी जी कहते हैं इसके बाद यदि मैं किसी की पूजा करता हूं तो वह है केवल ब्राह्मण देवता। कथा व्यास जी का कहना था कि यह बात स्वयं विश्व गुरु एवं सुप्रसिद्ध चेतना वैज्ञानिक महर्षि महेश योगी जी ने भी कहा है। लेकिन उन्होंने कहा कि ब्राह्मण का मतलब है जो प्रतिदिन त्रिकाल पूजा करता हो और वेदों का अध्ययन करता हो केवल वही सर्वथा पूजनीय है। उन्होंने बताया कि गोस्वामी तुलसीदास जी कहते हैं ब्राह्मण का तप सर्वश्रेष्ठ है और वह वंदनीय है। इसलिए कभी भी योग्य ब्राह्मण की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए। धर्म परायण व्यवस्था में ब्राह्मण का योगदान हमारी वेद भूमि सदैव स्वीकारती है।

महाकुंभ के दौरान महर्षि आश्रम में दोपहर 2:30 बजे से लेकर सायं 5:30 बजे तक श्री राम कथा अमृत प्रवाह निरंतर प्रवाहित हो रही है। महर्षि  आश्रम में सुबह के समय पाठ एवं हवन, दोपहर में श्री राम कथा अमृत प्रवाह एवं रात्रि में सुप्रसिद्ध भजन गायकों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शानदार प्रस्तुति का क्रम निरंतर जारी है।

संपूर्ण महाकुंभ के दौरान महर्षि आश्रम में ज्ञान की यह गंगा निरंतर प्रवाहित होगी। इसका रसपान करने के लिए महर्षि आश्रम में श्रद्धालुओं का आगमन निरंतर बना हुआ है। इन तीनों संपूर्ण कार्यक्रमों का लाइव प्रसारण रामराज टीवी के वेबसाइट यूट्यूब एवं फेसबुक चैनलों पर किया जा रहा है।

सम्बंधित ख़बरें