सुरक्षा परिषद ने बिना शर्त युद्धविराम की मांग की

सुरक्षा परिषद ने बिना शर्त युद्धविराम की मांग की

मुंबई [महामीडिया] संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक में अमेरिका  द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर किए गए हमले पर तीखी बहस देखने को मिली। रूस, चीन  और पाकिस्तान ने 15 सदस्यीय परिषद में एक मसौदा प्रस्ताव पेश किया जिसमें पश्चिम एशिया में तत्काल और बिना शर्त युद्धविराम की मांग की गई।

यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने बैठक की शुरुआत में कहा “ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिका द्वारा की गई बमबारी एक खतरनाक मोड़ है। हमें तुरंत और निर्णायक रूप से कार्रवाई करनी होगी ताकि लड़ाई रोकी जा सके और ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर गंभीर और बातचीत फिर से शुरू हो सके।”           इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि अमेरिका ने ईरान के प्रमुख परमाणु ठिकानों को “पूरी तरह से तबाह” कर दिया है। अमेरिका के इस कदम के बाद अब पूरी दुनिया ईरान की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रही है।रूस और चीन ने इस हमले की कड़ी निंदा की है। चीन के संयुक्त राष्ट्र राजदूत फु कोंग ने कहा “पश्चिम एशिया में शांति बल के इस्तेमाल से नहीं लाई जा सकती। वर्तमान में संवाद और बातचीत ही समाधान का सही रास्ता है। ईरानी परमाणु मुद्दे पर कूटनीतिक विकल्प अभी समाप्त नहीं हुए हैं और शांति का रास्ता अब भी खुला है।”

अमेरिका की कार्यवाहक यूएन राजदूत डोरोथी शिया ने कहा कि अब निर्णायक कार्रवाई का समय है। उन्होंने सुरक्षा परिषद से अपील की कि ईरान से कहा जाए कि वह इजरायल को मिटाने की अपनी कोशिशों को समाप्त करे और परमाणु हथियारों की अपनी कोशिशों को रोके। उन्होंने कहा “ईरान लंबे समय से अपने परमाणु कार्यक्रम को छिपाता रहा है और हालिया बातचीत में हमारी सद्भावनापूर्ण कोशिशों को टालता रहा है।”

रूस के यूएन दूत वासिली नेबेंजिया ने इस हमले की तुलना 2003 के इराक युद्ध से की । उन्होंने कहा, “एक बार फिर हमें अमेरिका की काल्पनिक कहानियों पर विश्वास करने के लिए कहा जा रहा है जिससे पश्चिम एशिया में लाखों लोगों को पीड़ा झेलनी पड़ेगी। इससे साबित होता है कि इतिहास से अमेरिका ने कुछ नहीं सीखा ।”

ईरान ने इस बैठक की मांग करते हुए अमेरिका के इस कदम को “खुला और अवैध आक्रमण” करार दिया और सुरक्षा परिषद से इसे सबसे कठोर शब्दों में निंदा करने की अपील की। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि परिषद इस मसौदा प्रस्ताव पर कब वोट करेगी। प्रस्ताव पास करने के लिए कम से कम नौ वोटों की जरूरत होती है और अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, रूस या चीन में से किसी का भी वीटो नहीं होना चाहिए।

संयुक्त राष्ट्र में इजरायल के राजदूत डैनी डैनन ने कहा कि अमेरिका और इजरायल की आलोचना नहीं बल्कि प्रशंसा होनी चाहिए क्योंकि उन्होंने दुनिया को एक सुरक्षित स्थान बनाने में योगदान दिया है।

 

सम्बंधित ख़बरें