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बाल जीवन रक्षा की शपथ के साथ विश्व निमोनिया दिवस आज
भोपाल [महामीडिया] आज 12 नवंबर को विश्व निमोनिया दिवस मनाया जा रहा है। इस दिन का उद्देश्य लोगों को निमोनिया जैसी गंभीर श्वसन संबंधी बीमारियों के प्रति जागरूक करना है।यह दिन निमोनिया जैसी जानलेवा बीमारी के लक्षण और इससे बचाव के तरीके बताने के लिए गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं। इस वर्ष का विषय "बाल जीवन रक्षा" है जो बच्चों को निमोनिया से बचाने की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है। निमोनिया फेफड़ों से जुड़ी एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जो फेफड़ों में इंफेक्शन के कारण होता है। इस बीमारी के कारण तेज बुखार, खांसी और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या हो सकती है। लेकिन कई बार इसके कुछ साइलेंट संकेत भी होते हैं, जिन पर कई बार हम ध्यान भी नहीं दे पाते हैं। वैसे तो निमोनिया की समस्या छोटे बच्चों में सबसे ज्यादा देखने को मिलती है लेकिन यह बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है।। फेफड़ों में पानी, मवाद भरने से सांस लेने में समस्या और कफ की समस्याएं परेशान करने लगती हैं। ऐसे में लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 12 नवंबर को विश्व निमोनिया दिवस मनाया जाता है। अनुलोम-विलोम प्राणायाम फेफड़ों के लिए बेहद लाभकारी है। यह सांस की नलियों को साफ रखता है और फेफड़ों की क्षमता को बनाए रखता है। जब व्यक्ति निमोनिया से उबर रहा होता है तो श्वसन तंत्र अक्सर सुस्त और कमजोर होता है। इस प्राणायाम से धीरे-धीरे फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ती है जिससे सांस लेना आसान हो जाता है और संक्रमण के बाद शरीर जल्दी ऊर्जा महसूस करता है।