सिंधु नदी के तटों से 12 लाख लोग पलायन के लिए मजबूर

सिंधु नदी के तटों से 12 लाख लोग पलायन के लिए मजबूर

कराची [ महा मीडिया] सिंधु नदी के तटों से जलविद्युत बांधों और जलवायु परिवर्तन के हिमनदों और बर्फ पिघलने पर पड़ने वाले प्रभावों के कारण 1950 के दशक से डेल्टा में पानी का बहाव 80 प्रतिशत कम हो गया है। इससे समुद्री जल का विनाशकारी अतिक्रमण हुआ है। 1990 के बाद से पानी की लवणता लगभग 70 प्रतिशत बढ़ गई है जिससे फसलें उगाना असंभव हो गया है और झींगा और केकड़े की आबादी गंभीर रूप से प्रभावित हुई है। सिंधु नदी तिब्बत से शुरू होकर कश्मीर होते हुए पाकिस्तान में बहती है। सिंधु नदी और इसकी सहायक नदियां पाकिस्तान के लगभग 80% कृषि भूमि की सिंचाई करती हैं और लाखों लोगों की आजीविका का साधन हैं। नदी के मुहाने पर बना यह डेल्टा कभी खेती करने, मछली पकड़ने और वन्यजीवों के लिए आदर्श था लेकिन लेकिन 2019 में  समुद्री जल के अतिक्रमण के कारण 16% से अधिक उपजाऊ भूमि अनुपजाऊ हो गई है। जिसके कारण लोग घर डूब रहे हैं और लोग घरों को छोड़कर जा रहे हैं। इस तरह सिंधु नदी के तटों से 12 लाख लोग पलायन के लिए मजबूर हैं ।

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