भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन का पर्व

भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन का पर्व

भोपाल [महामीडिया] रक्षाबंधन का पर्व भाई-बहन के अटूट प्रेम एवं बंधन को दर्शाता है। रक्षाबंधन या राखी का त्यौहार सदियों से मनाया जा रहा है जो भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक माना गया है। इस त्यौहार का मुख्य संदेश भाई और बहन के पवित्र बंधन को सम्मान देना होता है। ‘रक्षाबंधन’ का वास्तविक अर्थ होता है ‘रक्षा का बंधन’। राखी या रक्षाबंधन हिन्दुओं का सबसे प्रमुख एवं प्रसिद्ध पर्व है जिसका इंतजार सभी बहनों और भाइयों द्वारा वर्षभर उत्सुकता से किया जाता है। रक्षाबंधन के दिन सभी बहनें अपने भाई की सुख-समृद्धि एवं लंबी आयु के लिए कलाई पर रंग-बिरंगी राखियां बांधती है और भाई अपनी बहनों को उपहार देकर उनकी रक्षा का वचन देते है। यह एक ऐसा लोकप्रिय त्यौहार है जिसका इंतजार बहनें बहुत ही बेसब्री से करती है क्योंकि रक्षाबंधन भाई और बहन के प्रेम को गहरा करता है। रक्षाबंधन भारतीय परम्पराओं का एक ऎसा पर्व है, जो भाई-बहन के स्नेह के साथ-साथ प्रत्येक सामाजिक संबंधों को मजबूती प्रदान करता है। इसी वजह से इस त्यौहार का भाई-बहन को आपस में जोडने के साथ साथ अपना विशेष सांस्कृतिक एवं सामाजिक महत्व भी है। सबसे पहले, बहने पूजा थाली तैयार करती हैं जिसमें राखी, रोली (कुमकुम), चावल, दीपक और मिठाई होती हैं। भाई की आरती उतारी जाती है ताकि उसे सभी नकारात्मक शक्तियों से बचाया जा सके। आरती के बाद बहने अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और तिलक लगाकर मिठाई खिलाती हैं। रक्षाबंधन हिन्दू संस्कृति में एक महत्वपूर्ण और प्रिय त्योहार है। यह भाई-बहन के आपसी प्रेम, सम्बंध और संरक्षा को मजबूत करने का अवसर प्रदान करता है। रक्षाबंधन का शब्द अर्थात् "रक्षा" और "बंधन" दोनों ही शब्दों का वार्तालापिक अर्थ है। यह पर्व भाई की सुरक्षा और बहन के प्रेम का प्रतीक है। रक्षाबंधन के दिन, बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है और भाई उसे आशीर्वाद और उपहार देता है। राखी एक पवित्र धागा होती है जो भाई की सुरक्षा, समृद्धि और दीर्घायु की कामना करती है। इसे बंधने के साथ ही भाई अपनी बहन को आशीर्वाद देता है और उसे उपहार देकर अपना प्यार प्रकट करता है। इस त्योहार के माध्यम से भाई-बहन के बीच विशेष बंधन का निर्माण होता है और प्रेम और सम्बंध मजबूत होते हैं।

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