कोको द्वीप आईलैंड एक बार फिर चर्चा में 

कोको द्वीप आईलैंड एक बार फिर चर्चा में 

नई दिल्ली [ महामीडिया] अंडमान निकोबार के करीब म्यांमार का कोको द्वीप आईलैंड एक बार फिर चर्चा का विषय बना हुआ है। लंबे समय से भू-राजनीतिक षड्यंत्र का विषय रहे कोको द्वीप को लेकर एक बड़ा दावा किया है।हाल ही में कोको द्वीपों पर बढ़ती गतिविधियों ने विशेष रूप से भारत के लिए चिंताएं बढ़ा दी है। कोको द्वीपों का सैन्यीकरण भारत के लिए एक महत्वपूर्ण सुरक्षा चुनौती पैदा कर सकता है। जिसका इस क्षेत्र में भारत के रणनीतिक हितों पर प्रभाव पड़ता है, क्योंकि नई दिल्ली दक्षिण एशिया और हिंद महासागर क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करना चाहती है। कोको द्वीप के विकास के साथ भारत जल्द ही एक ऐसे देश के निकट एक नए एयरबेस का सामना कर सकता है, जो तेजी से बीजिंग से जुड़ा हुआ है।अंडमान और निकोबार द्वीप समूह बंगाल की खाड़ी में भारत के पूर्वी बेड़े को रणनीतिक गहराई प्रदान करते हैं। द्वीपों में सैन्य आधुनिकीकरण और विमानों की सहायता के लिए सुविधाओं के स्पष्ट संकेत के साथ एक स्थिर निर्माण का अनुभव हो रहा है। नवीनतम तस्वीरों से पता चलता है कि म्यांमार जल्द ही ग्रेट कोको द्वीप से समुद्री निगरानी अभियान संचालित करने का इरादा रख सकता है, जो एक अलग द्वीपसमूह में सबसे बड़ा है, जो भारत के रणनीतिक अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के 55 किलोमीटर उत्तर में स्थित है।
 

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