
सुप्रीम कोर्ट ने नियामक आयोगों को सीमारेखा की याद दिलाई
भोपाल [महामीडिया] विद्युत वितरण विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विद्युत नियामक आयोग केवल जनहित के आधार पर किसी मामले की सुनवाई नहीं कर सकते। ईआरसी को विद्युत अधिनियम द्वारा जहां भी अनिवार्य किया गया हो जनहित के मामलों पर विचार करना चाहिए अर्थात टैरिफ निर्धारण, विद्युत प्रक्रियाओं की खरीद और उपयोगिता,लाइसेंसधारी प्रबंधन से संबंधित मामलों में जिसमें वाणिज्यिक सिद्धांतों के साथ-साथ उपभोक्ता हितों की सुरक्षा भी आवश्यक है। जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की पीठ ने कहा कि विद्युत अधिनियम वितरण फ्रैंचाइज़ी पर प्रत्यक्ष नियामक निगरानी का प्रावधान नहीं करता है। इसका कोई भी विनियमन केवल वितरण लाइसेंसधारियों के माध्यम से ही हो सकता है।