
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर सुप्रीम कोर्ट चिंतित
भोपाल [महामीडिया] पिछले दो दिनों में सुप्रीम कोर्ट की तीन पीठों ने आपत्तिजनक सोशल मीडिया पोस्ट, दिव्यांगजनों को लक्षित करने वाली हास्य सामग्री और कथित रूप से अपमानजनक कार्टूनों से जुड़े अलग-अलग मामलों पर विचार करते हुए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार के बढ़ते दुरुपयोग पर चिंता व्यक्त की। जजों की टिप्पणियों में नागरिकों द्वारा आत्म-संयम की आवश्यकता, व्यक्तिगत गरिमा की रक्षा और ऑनलाइन सामग्री के लिए एक संभावित नियामक ढाँचे पर ज़ोर दिया गया। 14 जुलाई को जस्टिस बी.वी. नागरत्ना और जस्टिस के.वी. विश्वनाथन की खंडपीठ ने कोलकाता निवासी वज़ाहत खान द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की कि नागरिक अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का लगातार दुरुपयोग कर रहे हैं। 15 जुलाई को जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की खंडपीठ ने तीन याचिकाओं पर सुनवाई की ।