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रिलायंस पावर के 'बैंक गारंटी मामले में तीसरी गिरफ्तारी
नई दिल्ली (महामीडिया) : प्रवर्तन निदेशालय ने व्यवसायी अनिल अंबानी की समूह कंपनी रिलायंस पावर के खिलाफ 68 करोड़ रुपये की कथित फर्जी बैंक गारंटी जारी करने से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में एक नई और तीसरी गिरफ्तारी की है. आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी देते हुए अमर नाथ दत्ता नामक व्यक्ति को गुरुवार को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत हिरासत में लिया गया. उन्होंने बताया कि एक विशेष अदालत ने उसे 4 दिनों के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया है. संघीय जांच एजेंसी ने इस जांच के तहत रिलायंस पावर के पूर्व मुख्य वित्तीय अधिकारी अशोक कुमार पाल और ओडिशा स्थित बिस्वाल ट्रेडलिंक नामक कंपनी के प्रबंध निदेशक पार्थ सारथी बिस्वाल नामक एक निजी व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. यह मामला सूचीबद्ध कंपनी रिलायंस पावर की सहायक कंपनी रिलायंस एनयू बेस लिमिटेड की ओर से सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसईसीआई) को जमा की गई 68.2 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी से संबंधित है, जो "फर्जी" पाई गई. कंपनी पहले महाराष्ट्र एनर्जी जनरेशन लिमिटेड के नाम से जानी जाती थी. ईडी ने आरोप लगाया था कि बिस्वाल ट्रेडलिंक व्यावसायिक समूहों के लिए "फर्जी" बैंक गारंटी प्रदान करने का एक रैकेट चलाती थी. रिलायंस समूह ने पहले कहा था कि अनिल अंबानी "3.5 साल से अधिक समय से रिलायंस पावर लिमिटेड के बोर्ड में नहीं हैं और इस मामले से उनका कोई लेनादेना नहीं है