जेएनयू छात्रसंघ चुनाव: चारों पदों पर लेफ्ट का कब्जा

जेएनयू छात्रसंघ चुनाव: चारों पदों पर लेफ्ट का कब्जा

नई दिल्ली (महामीडिया): जेएनयू छात्रसंघ चुनाव में एक बार फिर से सेंट्रल पैनल के चारों पदों पर वामपंथी छात्र संगठनों के गठबंधन ने जीत दर्ज की है. हालांकि, इस बार उन्हें महासचिव और संयुक्त सचिव के पद पर विद्यार्थी परिषद की ओर से कड़ी चुनौती मिली. लेकिन, अंतत: लेफ्ट गठबंधन आइसा, एसएफआई और डीएसएफ ने चारों पदों पर कब्जा कर लिया. अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पद पर जहां लेफ्ट को बड़े अंतर से जीत मिली तो वहीं महासचिव और संयुक्त सचिव के पद पर कम वोटों के अंतर से लेफ्ट गठबंधन प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की. चार पदों में से दो पदों पर जहां आइसा प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की तो वहीं एसएफआई और डीएसएफ के प्रत्याशियों को एक-एक पद पर जीत मिली. दरअसल, वामपंथी छात्र संगठनों आइसा, एसएफआई और डीएसएफ के बीच हुए गठबंधन में दो सीट आइसा को, जबकि एक सीट एसएफआई और एक सीट डीएसएफ को मिली थी. आइसा ने जहां अध्यक्ष और संयुक्त सचिव के पद पर प्रत्याशी उतारे थे तो वही एसएफआई ने उपाध्यक्ष पद पर और डीएसएफ ने सचिव पद पर प्रत्याशी खड़े किए थे.
इस बार चुनाव परिणाम घोषित होने के साथ ही जेएनयू छात्र संघ को 6 वर्ष बाद एक बार फिर से अदिति के रूप में महिला छात्र संघ अध्यक्ष मिली है. उन्हें 1937 वोट मिले. वहीं एबीवीपी प्रत्याशी विकास पटेल को 1488 वोट मिले. इससे पहले वर्ष 2019 में हुए छात्र संघ चुनाव में एसएफआई की आईशी घोष ने अध्यक्ष पद पर जीत दर्ज की थी. उसके बाद कोरोना संकट के चलते 2023 तक चार साल जेएनयू छात्रसंघ चुनाव नहीं हुए थे. इसके बाद 2024 के चुनाव में धनंजय और उस साल अप्रैल के चुनाव में नीतीश ने अध्यक्ष पद पर जीत दर्ज की थी. अब छह साल बाद आइसा प्रत्याशी अदिति ने अपने प्रतिद्वंदी एबीवीपी के प्रत्याशी विकास पटेल को 600 से ज्यादा वोटों से हराया है.
उपाध्यक्ष पद पर एसएफआई की गोपिका 3101 वोट, जबकि विद्यार्थी परिषद की तान्या कुमारी को 1787 वोट मिले. वहीं, संयुक्त सचिव पद पर डीएसएफ के सुनील यादव ने एबीवीपी के राजेश्वर कांत दुबे को हराया. सुनील यादव को 2005 और राजेश्वर कांत को 1901 वोट मिले. इसके अलावा महासचिव पद पर वाम गठबंधन के उम्मीदवार सुनील यादव को 2005 वोट मिले हैं.

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