नवीनतम
भारत के पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात में कमी आई
मुंबई [महामीडिया] भारत के पेट्रोलियम उत्पादों के पारंपरिक खरीदारों जैसे नीदरलैंड, फ्रांस, इंडोनेशिया ने अपने आयात में कटौती शुरू कर दी है। वहीं भारत ने अपने निर्यात में विविधीकरण करते हुए अब जॉर्डन, हॉन्गकॉन्ग और स्पेन जैसे नए देशों में अपना रिफाइंड पेट्रोलियम भेजना शुरू कर दिया है। अमेरिका ने यूरोपीय संघ से भारत पर द्वितीयक प्रतिबंध लगाने को भी कहा है और साफतौर पर उसके सदस्य देशों को भारतीय पेट्रोलियम उत्पाद खरीदने से हतोत्साहित किया जा रहा है। भारत के पेट्रोलियम उत्पादों के शिपमेंट में मात्रा के हिसाब से 5.6 प्रतिशत की गिरावट आई है। भारत के कुल निर्यात में पेट्रोलियम उत्पादों की हिस्सेदारी भी वित्त वर्ष की पहली छमाही में घटकर 13.8 प्रतिशत रह गई है जो वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में 17.1 प्रतिशत थी। चालू वित्त वर्ष के पहले 6 महीनों के दौरान पेट्रोलियम उत्पादों के लिए भारत के सबसे बड़े केंद्र नीदरलैंड ने भारत से आयात की मात्रा में 20.4 प्रतिशत की कटौती की। नीदरलैंड में रोटरडम का बंदरगाह यूरोप के ट्रांस-शिपमेंट और स्टोरेज हब के रूप में कार्य करता है जहां से रिफाइंड पेट्रोलियम उत्पादों को यूरोपीय देशों में आपूर्ति की जाती है। वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान ऊर्जा आयात में सबसे अधिक कमी फ्रांस (-85 प्रतिशत), इंडोनेशिया (-81.1 प्रतिशत), ब्रिटेन (-50.1 प्रतिशत), मलेशिया (-43.2 प्रतिशत) और दक्षिण अफ्रीका (-22.3 प्रतिशत) जैसे देशों में आई है।