जिला न्यायपालिका में न्यायिक अधिकारियों को आरक्षण नहीं दिया जाएगा

जिला न्यायपालिका में न्यायिक अधिकारियों को आरक्षण नहीं दिया जाएगा

मुंबई [महामीडिया] सुप्रीम कोर्ट ने आज बुधवार को जिला जजों के पदों पर पदोन्नत जजों के लिए किसी स्पेशल कोटा,वेटेज की संभावना को रद्द कर दिया है । साथ ही कहा है कि उच्च न्यायिक सेवा में सीधी भर्ती के असमान प्रतिनिधित्व का कोई राष्ट्रव्यापी पैटर्न नहीं है। कोर्ट ने कहा कि न्यायिक अधिकारियों के बीच "नाराजगी" की भावना उच्च न्यायिक सेवा  संवर्ग के भीतर किसी भी कृत्रिम वर्गीकरण को उचित नहीं ठहरा सकती। विभिन्न स्रोतों (नियमित पदोन्नति, सीमित विभागीय प्रतियोगी परीक्षा और सीधी भर्ती) से एक सामान्य संवर्ग में प्रवेश और वार्षिक रोस्टर के अनुसार वरिष्ठता प्रदान करने पर पदधारी उस स्रोत का 'जन्मचिह्न' खो देते हैं जहाँ से उनकी भर्ती हुई है। प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस के. विनोद चंद्रन और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पांच सदस्यीय पीठ ने 4 नवंबर को इस मामले में निर्णय सुरक्षित रख लिया था जिसे आज सुनाया गया। कोर्ट ने कहा कि चयन ग्रेड और सुपर टाइम स्केल में नियुक्ति संवर्ग के भीतर योग्यता-सह-वरिष्ठता पर आधारित है और यह न्यायपालिका के निचले स्तरों पर सेवा की अवधि या प्रदर्शन पर निर्भर नहीं हो सकती। 

सम्बंधित ख़बरें