जमानत सत्यापन की राष्ट्रीय प्रणाली बनाने पर विचार करेगा सुप्रीम कोर्ट

जमानत सत्यापन की राष्ट्रीय प्रणाली बनाने पर विचार करेगा सुप्रीम कोर्ट

मुंबई [महा मीडिया] सुप्रीम कोर्ट ने नारकोटिक्स मामलों में विदेशी आरोपियों द्वारा फर्जी ज़मानतदार प्रस्तुत कर ज़मानत लेकर फरार होने की चिंताजनक प्रवृत्ति पर कड़ी टिप्पणी की। जस्टिस संजय करोल और जस्टिस विपुल एम. पंचोली की खंडपीठ एक ऐसे मामले से रूबरू हुई जिसमें एनडीपीएस अधिनियम के तहत पकड़े गए नाइजीरियाई आरोपी को ज़मानत ऐसी ज़मानतदारी पर मिली जो बाद में पूरी तरह फर्जी पाई गई। अदालत ने सवाल उठाया कि क्या ट्रायल कोर्टों के लिए राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र  द्वारा तैयार किया गया ज़मानती सत्यापन मॉड्यूल प्रभावी ढंग से काम कर रहा है।अदालत ने कहा कि देशभर में ज़मानतदारों की पहचान सत्यापित करने की प्रणाली की व्यापक समीक्षा आवश्यक है। मामले की अगली सुनवाई 17 दिसंबर, 2025 को निर्धारित है।
 

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