
राजा विक्रमादित्य ने शुरू किया था विक्रम संवत
उज्जैन [ महामीडिया] आज गुड़ी पड़वा है। यानी हिंदू नव वर्ष का पहला दिन। हिंदू नव वर्ष के कैलेंडर की शुरुआत उज्जैन शहर से हुई। इस कैलेंडर को विक्रम कैलेंडर भी कहा जाता है। उज्जैन के सम्राट विक्रमादित्य ने विक्रम संवत की शुरुआत की थी, तभी से इस कैलेंडर के अनुसार हिंदू नव वर्ष मनाया जाता है। कर्क रेखा को भूमध्य रेखा उज्जैन में ही क्रॉस करती है। इस वजह से क्रॉसिंग पॉइंट पर महाकाल हैं, इसलिए काल गणना के चलते राजा विक्रमादित्य ने विक्रम संवत चलाया था। इस वर्ष इसको 2080 वर्ष लग गया। गुड़ी पड़वा का दिन सृष्टि का आरंभ दिन माना गया है। अरबों वर्ष पुराना दिन है। चैत्र शुक्ल एकम सबसे पुराना दिन है। जिस रोज सृष्टि की उत्पत्ति हुई, वही दिन काल गणना का पहला दिन हुआ। अब चैत्र शुक्ल एकम को 1 अरब 95 करोड़ 58 लाख 81 हजार 124 वर्ष हो गए।विक्रमादित्य का जन्म 102 ईसा पूर्व हुआ था। उन्होंने 57 ईसा पूर्व भारत से शक साम्राज्य का पतन किया। शकों को हराने के बाद उन्होंने उनके कैलेंडर शक संवत की जगह इसी साल से विक्रम संवत शुरू किया। इसे आगे चलकर हिंदू कैलेंडर कहा गया। 2080 वर्ष पहले विक्रम संवत शुरू हुआ, जब राजा विक्रमादित्य उज्जैन के राजा थे। दुनिया भर में 60 से अधिक संवत हुए, लेकिन विक्रम संवत सबसे ज्यादा प्रचलित है।