म.प्र.श्रम रेटिंग लागू करने वाला देश का पहला राज्य बना

म.प्र.श्रम रेटिंग लागू करने वाला देश का पहला राज्य बना

भोपाल [महामीडिया] म.प्र. में अब उद्योगों को श्री श्रम स्टार रेटिंग लेनी होंगी। यह उन्हीं औद्योगिक इकाईयों को मिलेगी जिनमें श्रमिकों के कल्याण से जुड़े काम करने के साथ ही पर्यावरण संरक्षण की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। भविष्य में इसी रेटिंग के आधार पर उद्योगों को प्रोत्साहन मिलेगा। मध्यप्रदेश यह रेटिंग लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा। आमतौर पर रेटिंग प्रणाली निजी क्षेत्रों में प्रभावी है लेकिन सरकार भी अब अपने विभागों और उनके अधिकार क्षेत्रों में आने बाले क्षेत्रों के लिए यह लागू करने जा रही है। विभाग के पास पहले ही श्रम और पर्यावरण कानूनों का पालन कराने के लिए तय नियम व गाइडलाइन है लेकिन रेटिंग व्यवस्था के प्रभावी होने से नियम विरुद्ध काम करने वाली इकाइयों को नई कसावट के दायरे में लिया जा सकेगा। 
रेटिंग के लिए जो मानक तय किए गए हैं उनमें जिन उद्योगों में बाल श्रमिकों से काम कराए जाने की शिकायत रही हो। यदि रेटिंग मिली है और बाद में शिकायत होती है उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी । वायु प्रदूषण बढ़ाने वाले उद्योगों को किसी हाल में यह रेटिंग नहीं दी जाएगी, ऐसी इकाईयों को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की गाइडलाइनों का पालन करना होगा। श्रमिकों के कल्याण से जुड़े प्रत्येक काम करने होंगे यदि कोई श्रमिक श्रम विभाग में इस बात की शिकायत करेंगे कि उन्हें परेशान किया जा रहा है और शिकायत सही पाई जाती है तो रेटिंग निरस्त कर दी जाएगी। रेटिंग इस बात का प्रतीक होगी कि मप्र श्रम विभाग ने यह प्रमाणित किया कि संबंधित औद्योगिक इकाई तय मापदंडों का पालन कर रही है। इसके आधार पर उद्योगों को दूसरे राज्यों में कारोबार करना आसान होगा। श्रमिकों के कल्याण के लिए उद्योग और अधिक प्रतिबद्ध होंगे। शिकायतों के सही पाए जाने पर रेटिंग जाने के खतरे को देखते हुए श्रमिक कल्याण से जुड़े काम जारी रखेंगे, जिसका फायदा श्रमिकों व उनके परिवारों को होगा।

 

 

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