
म.प्र.के हर गांव में बनेगा अनाज भंडारण केंद्र
भोपाल [महामीडिया] भारत सरकार ने सहकारी क्षेत्र में अनाज भंडारण को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना शुरू की है जिसे दुनिया की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना बताया जा रहा है।31 मई 2023 को मंजूरी मिलने के बाद इस योजना को प्रायोगिक तौर पर लागू किया जा रहा है। इसका मकसद प्राथमिक कृषि ऋण समितियों के जरिए देश भर में गोदाम, कस्टम हायरिंग सेंटर और प्रसंस्करण इकाइयों जैसी सुविधाएं तैयार करना है। इस योजना के तहत अब तक 11 राज्यों में 11 पैक्स के लिए गोदामों का निर्माण पूरा हो चुका है। इनकी कुल भंडारण क्षमता 9,750 मीट्रिक टन है। इस योजना का लक्ष्य खाद्यान्न की बर्बादी रोकना, खाद्य सुरक्षा को मजबूत करना और किसानों को उनकी फसलों का बेहतर दाम दिलाना है। गोदामों के बनने से फसलों की आपात बिक्री पर रोक लग सकती है। साथ ही पैक्स को खरीद केंद्र और उचित मूल्य की दुकानों के रूप में इस्तेमाल करने की योजना है जिससे परिवहन लागत में कमी की उम्मीद जताई जा रही है। हालांकि योजना के असल प्रभाव को लेकर अभी लंबा इंतजार करना पड़ सकता है क्योंकि यह अभी शुरुआती चरण में है।