मैहर के शारदा देवी धाम में चैत्र नवरात्रि की तैयारियाँ

मैहर के शारदा देवी धाम में चैत्र नवरात्रि की तैयारियाँ

मैहर [महामीडिया] मैहर जिले में स्थित शारदा माता मंदिर सिर्फ आस्था का केंद्र ही नहीं, बल्कि एक अद्भुत चमत्कार का स्थल भी है। मैहर शारदा देवी धाम में चैत्र नवरात्रि की तैयारियाँ पुरी हो गई हैं ।यहाँ पर चैत्र नवरात्रि पर्व के दौरान नौ दिनों तक मेला भरेगा। इस मंदिर को "मैहर वाली माता" के नाम से जाना जाता है और यहां हर दिन एक ऐसा रहस्यमयी दृश्य देखने को मिलता है, जो भक्तों को अचंभित कर देता है। सुबह की पहली झलक में चमत्कार! यहां रोज सुबह जब मंदिर के पट खुलते हैं, तो पुजारी और श्रद्धालु एक अलौकिक नजारे के साक्षी बनते हैं। मान्यता है कि माता स्वयं रातभर भक्तों के लिए पूजा-अर्चना करती हैं, और जब सुबह मंदिर के कपाट खोले जाते हैं, तो अंदर का दृश्य देखकर लोग दंग रह जाते हैं। हर दिन दीपक जलता हुआ पाया जाता है, भोग का प्रसाद बिखरा मिलता है और पूजा की सामग्री व्यवस्थित रूप से रखी होती है। ऐसा कहा जाता है कि माता स्वयं यहां रात्रि में विश्राम करती हैं, और सुबह होते ही उनका दिव्य स्पर्श महसूस किया जा सकता है। यह चमत्कार हजारों सालों से देखा जा रहा है, और आज भी इसकी गवाही देने के लिए हजारों श्रद्धालु आते हैं। कैसे पहुंचें माता के दरबार? मैहर देवी मंदिर त्रिकूट पर्वत पर स्थित है जहां पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को 1063 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। हालांकि, अब रोपवे सुविधा भी उपलब्ध है, जिससे माता के दर्शन करना और भी आसान हो गया है।  इस साल चैत्र नवरात्रि 30 मार्च से शुरू होकर 6 अप्रैल तक चलेगी । मैहर  में विंध्य के त्रिकूट पर्वत पर विराजीं माता शारदा के दरबार में नवरात्रि के दौरान 9 दिनों तक मेला लगता है।  इस धार्मिक मेले में विद्या व बुद्धि की अधिष्ठात्री देवी माता शारदा के दर्शन के लिए देश भर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु मैहर आते हैं।  नवरात्र के दौरान माता के  नौ रूपों की आराधना की जाती है।पहले दिन मां शैलपुत्री, दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी, तीसरे दिन चंद्रघंटा, चौथे दिन कुष्मांडा, पांचवें दिन स्कंद माता, छठे दिन कात्यायनी, सातवें दिन कालरात्रि, आठवें दिन महागौरी, नवम दिन सिद्धिदात्री की आराधना की जाएगी। 

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