नवीनतम
राष्ट्रपति मुर्मू गुमला के ‘कार्तिक जतरा 2025’ में शामिल हुईं
गुमला (महामीडिया): राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मंगलवार को गुमला जिले के रायडीह प्रखंड स्थित मांझाटोली में आयोजित दो दिवसीय अंतरराज्यीय जन सांस्कृतिक समागम ‘कार्तिक जतरा 2025’ में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुईं. कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच हवाई मार्ग से गुमला पहुंचीं राष्ट्रपति को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया और भव्य स्वागत किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया. शिव शंकर उरांव ने सोहराई कला का प्रतीक चिन्ह भेंट कर राष्ट्रपति का अभिवादन किया. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की. उनके साथ छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रमेन डेका, झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मंच साझा किया.
जनसभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि पंखराज कार्तिक उरांव बाबा का सपना गुमला जिले में विश्वविद्यालय की स्थापना करना है. यह हमारे जीवन का भी लक्ष्य है और इसे जल्द पूरा किया जाएगा. विकास को गति देनी है. जनजातीय समुदाय के पास संगीत, नाटक और कला जैसी कई प्रतिभाएं हैं, जिनसे 100 से अधिक लोगों को पद्मश्री पुरस्कार मिल चुका है, जो गौरव की बात है।
राष्ट्रपति ने आगे कहा कि राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रीय जनजातीय नृत्य समारोह आयोजित होता रहता है. भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर भी ऐसे मौके मिलते रहते हैं. यहां आना तीर्थ यात्रा जैसा लग रहा है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि शिक्षा विकास की कुंजी है. बाबा कार्तिक उरांव ने गुमला में विश्वविद्यालय का सपना देखा था. गुमला में विश्वविद्यालय हो, इसके लिए मुझसे आग्रह किया गया है. इसके लिए मैं अपनी तरफ से प्रयास करुंगी. इसके लिए राज्य सरकार के स्तर पर प्रयास होगा तो यह प्रस्ताव एक ना एक दिन जरूर पूरा होगा. क्योंकि शिक्षा ही सामाजिक न्याय का माध्यम बनती है. उन्होंने कहा शिक्षा विकास की पूंजी है. शिक्षा का विकास होगा तभी राज्य का विकास होगा. आपके प्रयास सराहनीय हैं, लेकिन इसके लिए जमीन संबंधित बाधाएं पूरी होने पर यह संभव होगा. एक न एक दिन यह प्रयास जरूर सफल होगा।