भगवान कालभैरव की सवारी 6 दिसंबर को 

भगवान कालभैरव की सवारी 6 दिसंबर को 

भोपाल [ महामीडिया] 6 दिसंबर को शाम 4 बजे परंपरा अनुसार भगवान कालभैरव की सवारी निकलेगी । सिंहपुरी स्थित आताल पाताल महाभैरव भी इसी दिन शाम 7 बजे पालकी में सवारी होकर नगर भ्रमण करेंगे। अगहन कृष्ण अष्टमी पर भगवान भैरव के जन्म की मान्यता है। इस दिन शहर के पुराण प्रसिद्ध अष्ट महाभैरव मंदिरों में भगवान का जन्मोत्सव मनाने की परंपरा है। जन्म के अगले दिन भगवान भैरव पालकी में सवार होकर भक्तों को दर्शन देने निकलते हैं।इस बार भी 6 दिसंबर को भगवान की सवारी निकलेगी। कालभैरव मंदिर की परंपरा अनुसार दोपहर 3.30 बजे कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम भगवान कालभैरव को सिंधिया शाही की पगड़ी धारण कराकर पूजा अर्चना करेंगे।इसके बाद शाम 4 बजे मंदिर के सभा मंडप में पालकी में विराजित भगवान कालभैरव के रजत मुखारविंद का पूजन कर सवारी को नगर भ्रमण के लिए रवाना किया जाएगा। मंदिर के मुख्य द्वार पर शस्त्रबल की टुकड़ी सेनापति को सलामी देगी। पश्चात कारवां भैरवगढ़ जेल की ओर रवाना होगा।जेल तिराहे पर भैरवगढ़ जेल अधीक्षक द्वारा पालकी का पूजन किया जाएगा। इसके बाद सवारी शिप्रा के सिद्धवट घाट की ओर रवाना होगी। परंपरागत मार्ग से होकर सवारी शिप्रा के सिद्धवट घाट पहुंचेगी। यहां वैकुंठ द्वार पर भगवान कालभैरव व चरण पादुका का पूजन करेंगे। पूजन पश्चात सवारी पुन: मंदिर की ओर रवाना होगी। रात करीब 8 बजे बाबा कालभैरव की पालकी मंदिर पहुंचेगी।
 

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