सुप्रीम कोर्ट ने दुहराया की धारा 45 किसी महिला पर लागू नहीं होगी
नईदिल्ली [ महामीडिया] सुप्रीम कोर्ट ने आज बुधवार को कहा कि वह यूनियन ऑफ इंडिया की ओर से कानून के विपरीत प्रस्तुत किए गए कानूनी प्रस्तुतियों को बर्दाश्त नहीं करेगा। कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दिए गए तर्क को अस्वीकार करते हुए यह कठोर टिप्पणी की कि धन शोधन निवारण अधिनियम की धारा 45 का प्रावधान किसी महिला पर लागू नहीं होगा। जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस उज्जल भुयान की पीठ ने कहा "हम यूनियन ऑफ इंडिया की ओर से कानून के विपरीत प्रस्तुतियां देने के आचरण को बर्दाश्त नहीं करेंगे।" कोर्ट ने इससे पहले 20 दिसंबर को अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल की खिंचाई की थी जिन्होंने तर्क दिया था कि कड़ी जमानत शर्तें एक महिला पर भी लागू होती हैं। कोर्ट ने तब बताया था कि "धारा 45 का प्रावधान स्पष्ट रूप से महिलाओं को जमानत के लिए दोहरी शर्तों से छूट देता है।"