चेतना के एकत्व से सभी कार्यों का सफल संपादन संभव :  ब्रह्मचारी गिरीश जी

चेतना के एकत्व से सभी कार्यों का सफल संपादन संभव :  ब्रह्मचारी गिरीश जी

भोपाल [महामीडिया] महर्षि महेश योगी संस्थान के प्रमुख वेद विद्या मार्तंड ब्रह्मचारी गिरीश जी ने महर्षि संस्थान के महाकुंभ में भाग लेने वाले स्वयंसेवकों को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि “ महर्षि स्मारक में शिवलिंग भी है, पर महर्षि शिवरूप में हैं। शिवजी की महेश्वर के रूप में स्थापना करने का प्रस्ताव है तब यहां आने वाले समय में महारुद्राभिषेक का नियमित आयोजन भी होगा। संगम तट पर गंगा, यमुना, सरस्वती तीनों के दर्शन होते हैं। और इन तीनों की सामूहिक चेतना को प्राप्त करने से श्रद्धालुओं के कष्ट दूर होते हैं। यही कारण है कि श्रद्धालु महाकुंभ से जल और मिट्टी के साथ-साथ आध्यात्मिक चेतना भी अपने साथ लेकर जाते हैं।" 
उन्होंने आगे कहा कि "संगम समस्त सृष्टि में व्याप्त त्रिगुणात्मक सता का प्रगटीकरण है जैसे सतोगुण, रजोगुण एवं तमोगुण की संहिता में वात, पित्त,कफ की संहिता, त्रिदेव अर्थात  ब्रह्मा जी, विष्णु जी, महेश जी की संहिता, तीनों माताओं में दुर्गा लक्ष्मी और मां सरस्वती जी की संहिता, तीनों चेतनाओं की संहिता जिसमें भावातीत, जागृत एवं  ब्राह्मी  चेतना शामिल हैं I इसलिए हम सबने ब्रह्म की चेतना में स्थित होकर जो संकल्प लिया वह सिद्ध हो गया। यह स्वमेव होता है इसके लिए कोई अलग से प्रयास नहीं करना पड़ता। "योगस्थ: कुरु कर्माणि" से "योग: कर्मसु कौशलं"  की स्थिति बनती है।"

कहा किइस अवसर पर ब्रह्मचारी गिरीश जी ने सभी स्वयंसेवकों को धन्यवाद देते हुए कहा कि इतना विशाल एवं महत्वपूर्ण आयोजन इसलिए सफल रहा कि आप सभी की चेतना एकत्व थी, इसीलिए प्रकृति के समस्त नियमों ने हमारा साथ दिया और अंततः सफलता प्राप्त हुई।

इस अवसर पर उन्होंने संकल्प व्यक्त किया कि महर्षि स्मारक क्षेत्र में महर्षि लोक बनाएंगे । प्रस्तावित महर्षि लोक में ऋषि, मुनि, महात्माओं की प्रतिमाएं स्थापित की जाएगी जहाँ पर एक क्लिक करते ही उनके बारे में समस्त जानकारी उपलब्ध हो सकेगी। साथ ही उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को वैश्विक नेतृत्व के लिए तैयार करेंगे। इसके लिए प्रत्येक प्राचार्य को चार से पांच बच्चों को 12वीं की पढ़ाई पूर्ण होने के पश्चात नए प्रारंभ होने वाले पाठ्यक्रम हेतु भेजने का आग्रह  है जिसमें चयनित बच्चों को प्रथम वर्ष से लेकर पीएचडी तक की महाविद्यालयीन शिक्षा नि:शुल्क प्रदान की जाएगी I इसमें शिक्षा के साथ-साथ आवास, भोजन, वस्त्र, शिक्षण सामग्री आदि का व्यय भी महर्षि संस्थान द्वारा उठाया जाएगा। यदि ऐसा संभव हो पाया तो इस वैश्विक नेतृत्व का उत्तरदायित्व संभालने वाले भारतीयों के माध्यम से भारत को जगतगुरु के पद पर स्थापित किया जा सकेगा।            

कार्यक्रम के अंत में ब्रह्मचारी गिरीश जी ने कहा कि जल्द ही महर्षि संस्थान के महाकुंभ में व्यवस्था संभालने वाले सभी स्वयंसेवकों का एक सम्मान समारोह किया जाएगा। उन्होंने इस अवसर पर सभी स्वयंसेवकों से हरिद्वार कुंभ 2027 एवं सिंहस्थ उज्जैन 2028 के लिए तैयार रहने का आग्रह भी किया।

सम्बंधित ख़बरें