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सर्वोच्च न्यायालय कल अरावली पहाड़ियों के मुद्दे पर विचार करेगा
भोपाल [महामीडिया ] सर्वोच्च न्यायालय ने अरावली पहाड़ियों की परिभाषा में हाल ही में हुए बदलाव से पैदा हुई चिंताओं पर स्वत:संज्ञान लिया है। ऐसी आशंका है कि बिना रोक-टोक के माइनिंग और गंभीर पर्यावरण नुकसान का रास्ता खुल सकता है। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस जे. के. महेश्वरी और जस्टिस ए. जी. मसीह की अवकाश कालीन पीठ कल सोमवार को इस मामले पर विचार करेगी।
शीर्ष अदालत का यह हस्तक्षेप अरावली पहाड़ियों की बदली हुई परिभाषा के कारण हुए सार्वजनिक विरोध और पर्यावरण संबंधी चिंताओं के बाद आया है। यह क्षेत्र अपने पर्यावरणीय महत्व और रेगिस्तान बनने से रोकने और भूजल स्तर को बनाए रखने में अपनी भूमिका के लिए जाना जाता है। संरक्षित क्षेत्रों में माइनिंग और निर्माण गतिविधियों के बढ़ जाने का खतरा बढ़ गया है जिसके कारण इस मामले में चिंता प्रदर्शित की जा रही है इसी चिंता को ध्यान में रखते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने अवकाश के दौरान इस मामले पर स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई की अनुमति दी है।