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सुप्रीम कोर्ट ने राजस्व खर्चों को आयकर से घटाने के निर्देश दिए
भोपाल [ महामीडिया ] सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नॉन-कम्पीट फीस का भुगतान करने से किसी कैपिटल एसेट का अधिग्रहण नहीं होता इसके साथ ही बिजनेस के प्रॉफिट कमाने के स्ट्रक्चर में कोई बदलाव नहीं होता। इसे इनकम टैक्स एक्ट के तहत राजस्व खर्च के तौर पर अनुमति दी जा सकती है।
जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस उज्ज्वल की बेंच शार्प बिजनेस सिस्टम्स को नॉन-कम्पीट फीस के तौर पर दिए गए 3 करोड़ रुपये की कटौती का दावा करने की अनुमति दी और इस खर्च को राजस्व प्रकृति का माना।