नवीनतम
प्रतिदिन भावातीत ध्यान करना चाहिए : डॉ.गिरीश जी
भोपाल [महामीडिया ]अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस के अवसर पर महर्षि महेश योगी संस्थान में सैकड़ो लोगों ने भावातीत ध्यान का अभ्यास कर उसके लाभों के बारे में जाना। कार्यक्रम में महर्षि संस्थान के प्रमुख ब्रह्मचारी गिरीश जी मुख्य रूप से उपस्थित थे।
लांबाखेड़ा स्थित महर्षि राष्ट्रीय कार्यालय केंपस में आयोजित इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ब्रह्मचारी गिरीश जी ने उपस्थित सभी लोगों को भावातीत ध्यान के बारे में लाभदायक जानकारियों से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि भावातीत ध्यान के प्रणेता महर्षि महेश योगी जी ने भारत ही नहीं बल्कि विश्व के कई देशों में भावातीत ध्यान एवं योग की पताका फहराई। महर्षि जी के प्रयास और सेवा के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहले तो योग दिवस को योग दिवस के रूप में घोषित किया गया और अब ध्यान को भी ध्यान दिवस के रूप में अंतर्राष्ट्रीय प्रसिद्धि मिल चुकी है।
ब्रह्मचारी गिरीश जी ने प्रधानमंत्री मोदी का भी आभार माना कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इन दोनों दिवसों को ऐतिहासिक महत्व दिलवाया। ब्रह्मचारी गिरीश जी ने रोचक जानकारी देते हुए बताया कि भावातीत ध्यान को लेकर लगभग 30 देशों में शोध हो चुके हैं। इन देशों के 135 संस्थाओं ने विभिन्न शोध केंद्रों में 700 से अधिक शोध किए गए हैं। इन सभी शोधों में यही निष्कर्ष निकला है कि भावातीत ध्यान से अच्छी कोई दूसरी पद्धति नहीं है। ब्रह्मचारी गिरीश जी ने बताया कि भावातीत ध्यान से ही विश्व शांति संभव है जिसके लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रयास होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हम सब लोगों को भावातीत ध्यान का निरंतर अभ्यास करना चाहिए। ध्यान करने से स्वयं को, परिवार को, घर को, शहर को, राज्यों को और देश को भी लाभ मिलता है। ध्यान से हमेशा मन शांत रहता है, खुश रहता है और सदैव सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
कार्यक्रम में उपस्थित महर्षि वैदिक विश्वविद्यालय के पूर्व कुलगुरु भुवनेश शर्मा जी ने भावातीत ध्यान एवं उसकी उपयोगिता पर विस्तृत रूप से जानकारियां दी।
इस अवसर पर महर्षि विद्या मंदिर विद्यालय समूह के निदेशक संचार एवं जनसंपर्क विजय रत्न खरे ने बताया कि भावातीत ध्यान के प्रणेता महर्षि महेश योगी जी की परंपरा को अब ब्रह्मचारी गिरीश जी आगे बढ़ा रहे हैं इसलिए हम सभी लोगों को मिलकर भावातीत ध्यान निरंतर करना चाहिए।
विश्व ध्यान दिवस प्रारंभ होने के पूर्व गुरु परंपरा पूजन और वैदिक राष्ट्रीय गीत से कार्यक्रम प्रारंभ हुआ तत्पश्चात 20 मिनट का सामूहिक ध्यान किया गया। इस कार्यक्रम में संस्था के अधिकारी एवं कर्मचारीगणों के अलावा विभिन्न राज्यों से आए शिक्षक एवं शिक्षिकाओं सहित महर्षि विद्या मंदिर विद्यालयों के छात्र एवं छात्राएं भी उपस्थित थे।